माफ़ करना तेरी खुदगर्जी पर लिखूंगी।
होगा तू ईमानदार दुनिया के लिये पर
अपनी कहानी में तुझे बेईमान ही लिखूंगी।-
यक़ीन मानिए
बेइमानी में भी उसूल नहीं तोड़ते
कुछ लोग आज भी ईमानदार हैं...-
कोई गुरेज़ नहीं मुझे चौकीदार बनने से
मगर उससे पहले मुझे ईमानदार बनना है-
न जानदार होती हैं, न शानदार होती हैं।
मेरी कविताएँ बस ईमानदार होती हैं।-
नज़र तो मिलाया करो, हमको अपने दिल की बातें बताया करो।
कभी कहते हो हमसे बहुत प्यार करते हो कभी तो जताया करो।
बात बात पर रूठ जाया करती हो जान मेरी, मान जाया करो।
हमारी नज़रों से दूर जाकर अपने आशिक़ को न सताया करो।
तुमको देखे बिना न मिलता है चैन न अता है इस दिल को करार।
निगाहें तुमको ही ढूँढा करती हैं शाम-ओ-सहर, दिख जाया करो।
तुम्हारे शहर में अब मेरा दिल नहीं लगता है, सब कुछ नीरस है।
जब कभी निकला करूँ घूमने को तुम बस मेरे साथ में जाया करो।
तुम तो जानती हो तुम्हारे बिना कहीं भी जाना मुझे गवारा नहीं।
कहीं के लिए भी निकलूँ मैं, तुम बस मेरे एहसास में आया करो।
ख़्वाब में भी आती हो तो आजकल गुमसुम और उदास रहती हो।
सुनो! जान जो कुछ भी होता हैं दिन भर तुम मुझे बताया करो।
तुम्हें तो पता है मैं हरदम दिल की सुनता हूँ और वहीं कहता हूँ।
कुछ भी कहूँ दिल से मान जाया करो, न दिमाग लगाया करो।
कि इक बस तुम्हारे लिए कितना अधूरा है तुम्हारा ये "अभि"।
जब भी तुम्हारे बिना बेचैन हो जाऊँ न, ख़्वाब में आ जाया करो।-
Mujhe tou meri imaandari thag rahi hai..
Beimaan log fir bhi baksh rahe hai.-
सच रिश्ते बनाते हैं, "अनजानों" को अपना बनाता है।
झूठ गिले-शिकवे बढ़ाता है, रिश्ता ख़त्म कर जाता है।
एकदूसरे के साथ रहने वालोंको ये अलग करजाता है।
सच्चाई से रिश्ता हरपल गहरा मज़बूत होता जाता है।
जिस रिश्ते में त्याग, क़ुर्बानी और बलिदान होता है।
वो रिश्ता अनंतकाल तक अनवरत चलता जाता है।
जब भी किसी प्यार करो तो सच्चाई की ईंट पर करो।
ऐसा रिश्ता टिकाऊ, प्रेममय और चिरायु कहलाता है।
सच की शिला पर खड़ा घर कभी नहीं डगमगाता है।
लाख आए फ़रेब और धोखे, ये तो पार हो जाता है।
झूठ का नक़ाब ओढ़कर प्रेम करने वालों को बाद में।
सच, ईमानदारी और न्याय का भूत बहुत सताता है।
सच बोलने वाले रिश्ते को मतभेद और मनमुटाव।
आपसी रंजिश और छल का घुन खा नहीं पाता है।
हमको क्या कहते हो सच कहने की बातें "अभि"।
ये मुसाफ़िर तो सच बोलकर ही तन्हा रह जाता हैं।-
ईमानदार लोगो के साथ रिश्ते ज्यादा नहीं टिकते
जबकी झूठ का तो बोल बाला है।-
ख्वाबों की उड़ान,
ईमानदारी भरी रातें,
मिलती उन्हें जो,
मेहनत की खाते ।-