थकता कौन नहीं जीवन में हर किसी ने यहां विराम लिया,
गलती इसमें तेरी ही रही, क्यूं तूने पूर्ण विराम लिया,
तू वीर है, रणधीर है, तुझको ना ये सब भाता है,
तू देख ज़रा कि संग तेरे कौन यहां पर आता है,
ये सब मन का वहम मनु है, तुम इसको मत पालो
तुम देव बनो और खुद को, इन सब से बाहर निकालो...
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