जब बाग
केसरिया फूल खिले हों
जब मोरों के नर्तन से
मनफूल कमल खिल जाये
जब श्वेत
कपास के फाॅंहो से
बादल भर-भर जाये
जब मेघ उमड़-घुमड़ कर
सिंहों सा गुर्राये
जब दूब हरी हो
धूप भरी हो
जब धान धरा को चूम-चूमकर लहराये
तब-तब— भारत
तीन रंग मे सज-धजकर
आजादी का अमृत पर्व मनाये...
जब शूरों से-वीरों से
लिपट-लिपट कर
ध्वज नतमस्तक हो जाये
जब— भारत का कण कण
जन गण मन गाये...
तब-तब—भारत
तीन रंग मे सज-धज
आजादी का अमृत पर्व मनाये...। कविता सिंह ✍️-
आज़ादी के मायने क्या हैं
हमें समझना होगा
आज़ादी का ये मतलब कतई
नहीं कि हम उद्दंड हो जाएं
या राष्ट्र, समाज और परिवार
की गरिमा आज़ादी का आड़
लेकर मिट्टी में मिला जाएं
रचना अनुशीर्षक में पढ़ें 🇮🇳🇮🇳-
कल हमारा था
"गुज़रे ज़माने की फिजाओं का,
वो रंग न जाने कैसा था।
जब दर्द में लिपटी तस्वीर थी,
वो वक्त भी जैसे सहमा था।
जहां खुली आंखों में भी अंधेरा था,
पर पलकों के नीचे सवेरा था।
जहां टूटी हर उम्मीद थी,
फिर भी हौंसला बुलंद था।
जिनकी सदियां बीती लड़ते लड़ते,
उन्हीं का कल हमारा था।"-
मेरे प्यारे न्यारे भारत,
तुम रहो स्वस्थ, गतिमान सदा,
हर भारतीय को ही तुमपर,
रहे गर्व और अभिमान सदा!
है स्वतंत्रता-दिवस पचहत्तरवाँ,
अमृत-जयंती का वर्ष है ये,
इस पावन पुनीत वर्ष में तुम,
दो कोरोना को संपूर्ण हरा!
फिर गतिविधियांँ सामान्य बनें,
फिर से व्यापार-रोजगार बढ़े,
हो पर्यटकों का आवागमन,
फिर से सर्वत्र उत्थान दिखे!-
राष्ट्र-ध्वज फहरा हवा में, मन पतंगा हो गया!
भक्ति में अपने वतन की, दिल तिरंगा हो गया!!-
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भारत और भारतवासी होने पर गर्व कीजियेगा🙏❤
एकलौता भारत जो देता अपने प्रत्येक जनमानस को
स्वतंत्र अभिव्यक्ति की आजादी
इस बात पर ध्यान और मान दीजियेगा....
नहीं दूजा कोई राष्ट्र ऐसा महान
ढेरों विभिन्नताओं से सज़ा भंडारऔर है अनोखा सबका ज्ञान
मेरा तेरा होने के बावजूद भी सबसे पहले सबके लिए है राष्ट्र सम्मान
हर धर्म हर जाति हर व्यक्ति ने निचोड़ी है अपनी जान
तब जाकर बना है मेरा भारत महान.. मेरा भारत महान..😘😘🙏🙏🙏जय हिन्द जय भारत...
#Sarikapoetries #देशप्रेम #आजादीकाअमृतमहोत्सव 🥰❤🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
आज़ादी
जश्न ए आजादी का है पर्व
स्वर गूंजा है आजादी का अमृत महोत्सव
शहादत नहीं होती कोई बात दुख की
ये तो नम आंखों से मनता है उत्सव
वीरों की टोली डटी सरहद पे
घर पे आराधना करती उसकी हमजोली
हे ईश्वर भर दे शक्ति उनके सीने में
कदम न डगमगाए कभी तनिक भी
मां भारती की सौगंध है उठाते
जान देके भी वादा निभाते
शूरवीर अदम्य साहस का परिचय देते
देख मौत समक्ष रणभूमि से ना पीछे हटते
शौर्य से परिपूर्ण सैनिकों को है नमन
जिनके दम पे है हमारे भारत में अमन
✍️Sunita Swain
_Aakankshayein
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'पचहत्तरवीं वर्षगांठ' पर, अमर सपूत जवानों को
आओ शत शत नमन करें हम अपने पहरेदारों को
राष्ट्र चला है आजादी का,'अमृत महोत्सव' मनाने
वो जान लुटाकर चले गए, आजादी के दीवाने।-
हर हाथ मे हो झंडा,
हर घर मे तिरंगा,
आजादी का अमृत महोत्सव मनाइये।
निज देश आन पर,
तिरंगा की शान पर,
कुर्बान आप अपनी, जान कर जाइये।
जाति,धर्म,राग,द्वेष,
बुरा करे परिवेश,
इन विषमताओं से, छुटकारा पाइये।
सिर्फ एक राष्ट्रगान,
एक ही हो संविधान,
एक ही तिरंगा मान सम्मान बढ़ाइये।-