भाई की कलाई पर बहन ने रक्षा सूत्र है बांधा
कच्चे धागे से बंधा भाई भी आया भागा भागा
✍️Sunita Swain-
ये कोरा काग़ज नहीं जनाब नीला आसमां है
दीदार ए यार तो हुआ
पर बात न होने पाई
चिलमन में था चेहरा
खुश हूं आवाज तो दी सुनाई
✍️Sunita Swain
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ये दोस्ती का सफर लगता सुहाना
दोस्तों के साथ के लिए नहीं चाहिए बहाना
बस देखना ये होगा दोस्ती में कभी दरार न आ जाए
✍️Sunita Swain
_Aakankshayein
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मेरी बहना
मेरी बहना है मेरा गहना
जिसकी आवाज से गूंजता मेरा अंगना
याद है वो बचपन के दिन
जब खेला करते थे हम मिल
बहन बांधे भाई की कलाई पर रखी
और कर आरती भाई की नजर उतारे
बहन तो ईश्वर से मांगे यही दुआ
मेरे भाई का जीवन रहे खुशियों से भरा
मेरी बहन तो है मेरा जीवन
बहन से ही रहता घर आबाद आजीवन
मेरी बहन को मिले सुखी संसार
और परिवार में बना रहे प्यार अपम्पार
✍️Sunita Swain
_Aakankshayein-
रक्षाबंधन है भाई बहन के पवित्र प्यार का त्यौहार
बहन ने बांधी राखी,भाई ने की उपहारों की बौछार
✍️Sunita Swain
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बहुत दूर है मेरा भाई
ये बात कभी नहीं सुहाई
बचपन के वो दिन हैं याद
जब खेलते से हम साथ
फिर हुए बड़े भाई बहन
हुई शादियां और घर बदले
सबके अपने अपने कर्तव्य थे
समय नहीं कभी रुकता भाई
अपने अपने परिवारों में रह गए उलझ के
फिर भाई बहन के रिश्ते हुए गौण
और उनके जगह बेटे बेटियों ने पाई
अब तो शायद ही कोई हो याद करता
क्योंकि बहन तो बरसों पहले ही हो गई थी पराई
फिर भी ये दिल है के मानता नहीं
दिल से है ये दुआ ,सदा खुश रहो भाई
✍️Sunita Swain
_Aakankshayein
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काम अधूरे छोड़ दिए
ऐसे क्यों मुंह मोड़ लिए
क्या थी नाराजगी बता दी होती
कह कर ही उलझन सुलझा ली होती
✍️Sunita Swain-
आख़िर क्या कमी रह गई हमारे व्यवहार में
जो आसमान टूट पड़ा और ज़मीं हिल गई
मोहब्बत की थी हमने कोई गुलामी नहीं
जो सितम होते देखते रहे पर जुबां सिल गई
✍️Sunita Swain-
कोशिश से हो जाएगा हल
कर्तव्य पथ पर बढ़ता चल
अनदेखी न कभी तुम करना
अन्यथा खामियाजा पड़ेगा भरना
लग्न लगा कर सब कार्य करो
मेहनत करने से ना कभी डरो
कोशिश ही कामयाबी की सीढ़ी
सफल होगे तो नाज़ करेगी पीढी
आलस्य से हरदम दूरी बना के रखना
अगर सफलता का स्वाद हो जो चखना
कोशिश कभी खाली नहीं जाती
कोशिश ही कामयाब बनती
✍️Sunita Swain
_Aakankshayein
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