Purnendu Kant   (पूर्णेन्दु)
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Joined 19 January 2019


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6 HOURS AGO

निर्धनता में हो पड़ा कोई तो व्यर्थ है धन दिलवाना,
होने को खड़े ख़ुद के पाँव पे कोई रोज़गार करवाना।
धन की भीख देने से बेहतर कुछ धंधा खड़ा करवाना,
समझ-समझ का फेर है ये तो, मुश्किल है समझाना!

बाल-श्रमिक जितने भी दीखें, उन्हें धंधे से हटवाना,
निर्धनता की जड़ है अशिक्षा, है उसपे चोट पहुँचाना;
आज के दौर में बहुत ज़रूरी बच्चों को स्कूल पहुँचाना,
समझ-समझ का फेर है ये तो, मुश्किल है समझाना!

आज जमाना ग़ज़ब है भाई, सब रहते बन बेगाना,
दुःख में भी करो मदद अगर, वो समझें है कुछ करवाना।
पूछें ज़्यादा ख़ैर किसी की, तो लगता उसे चिढ़ाना,
समझ-समझ का फेर है ये तो, मुश्किल है समझाना!

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YESTERDAY AT 11:42

जाएँ,
ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ;
दिल की भाषा कोई समझ न पाए,
रहती है मेरी महबूबा जहाँ!

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1 MAY AT 23:48

नहीं है,
उनकी परेशानी का सबब;
परेशान तो वे मेरी,
बेतकल्लुफ़ी से रहते हैं ज़्यादा!

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1 MAY AT 23:40

इतना तो कर डालो;
दिल उसका रखने की ख़ातिर,
तुम दिल से अपना लो!

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1 MAY AT 15:39

वो है हर घर में मौजूद;
शादी-शुदा किसी मर्द से पूछो,
घर से क्यों रहता वो दूर? 😊

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1 MAY AT 15:34

माना तुमने सीख रखा है, वाहन ख़ुद ही चलाना;
फिर भी है ये बहुत ज़रूरी, ट्रैफिक-नियम अपनाना!
है दोष तो कुछ सड़कों का भी, रख-रखाव का नहीं ठिकाना;
चालक को है रखना अपना, रवैया तो ज़िम्मेदाराना!

दोपहिये पर तीन सवारी, नहीं कभी करवाना;
जूता-हेलमेट बिना कभी, दोपहिया नहीं चलाना!
कार-ग्लास पर काली फ़िल्में, है कोर्ट ने रोक लगाई;
बैक-ग्लास पर पर्दे लेकिन, छोड़ो तो लगवाना!

हर गाड़ी में है इंडिकेटर, इसे दुरुस्त रखवाना;
ग़र सही प्रयोग न जाना इसका, पड़ सकता है पछताना!
कई लेन की सड़कों पर तो, लेन-ड्राइव अपनाना;
पड़े बदलनी लेन यदि तो, इंडिकेटर सदा जलाना!

सिग्नल-युक्त चौराहों पर तुम, लेन सही अपनाना;
इंडिकेटर का कर प्रयोग,बतला दो किधर है जाना!
हो सिग्नल-फ्री गोल-चक्कर तो भी, लेन सही अपनाना;
इंडिकेटर यहाँ बहुत ज़रूरी, अपनी दिशा बतलाना!

गति देती है मज़े अगर तो, ख़तरे भी तो बहुत हैं;
तय सीमा का रखें ध्यान तो, सहज हो सबका चलाना!
सड़कें होतीं सदा सहायक, है सबको घर पहुँचाना;
ट्रैफिक-नियम का ध्यान रखें तो, कभी नहीं पड़े पछताना!

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1 MAY AT 15:00

ट्रैफिक-नियम

माना तुमने सीख रखा है, वाहन ख़ुद ही चलाना;
फिर भी है ये बहुत ज़रूरी, ट्रैफिक-नियम अपनाना!
है दोष तो कुछ सड़कों का भी, रख-रखाव का नहीं ठिकाना;
चालक को है रखना अपना, रवैया तो ज़िम्मेदाराना!

दोपहिये पर तीन सवारी, नहीं कभी करवाना;
जूता-हेलमेट बिना कभी, दोपहिया नहीं चलाना!
कार-ग्लास पर काली फ़िल्में, है कोर्ट ने रोक लगाई;
बैक-ग्लास पर पर्दे लेकिन, छोड़ो तो लगवाना!

हर गाड़ी में है इंडिकेटर, इसे दुरुस्त रखवाना;
ग़र सही प्रयोग न जाना इसका, पड़ सकता है पछताना!
कई लेन की सड़कों पर तो, लेन-ड्राइव अपनाना;
पड़े बदलनी लेन यदि तो, इंडिकेटर सदा जलाना!

सिग्नल-युक्त चौराहों पर तुम, लेन सही अपनाना;
इंडिकेटर का कर प्रयोग,बतला दो किधर है जाना!
हो सिग्नल-फ्री गोल-चक्कर तो भी, लेन सही अपनाना;
इंडिकेटर यहाँ बहुत ज़रूरी, अपनी दिशा बतलाना!

गति देती है मज़े अगर तो, ख़तरे भी तो बहुत हैं;
तय सीमा का रखें ध्यान तो, सहज हो सबका चलाना!
सड़कें होतीं सदा सहायक, है सबको घर पहुँचाना;
ट्रैफिक-नियम का ध्यान रखें तो, कभी नहीं पड़े पछताना!

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27 APR AT 12:45

जीवन में कुछ करना हो तो, पहला कदम बढ़ाओ आप;
किंकर्तव्यविमूढ़ मत बैठो, जो भी करना कर लो आज!

नहीं मिले ग़र तुम्हें सफलता, समझ चुनौती करो स्वीकार;
करो दूर पिछली कमियाँ फिर, पुनः करो तुम अगला वार!

एक राह जो बंद मिले तो, नये राह की करो तलाश;
कामयाब है होना ग़र तो, कुछ न कुछ तो करो प्रयास!

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26 APR AT 23:12

परछाईं का पीछा करते रहने से क्या होगा हासिल,
जीवन में कुछ करना है तो ख़ुद को ख़ुद से होने दो ग़ाफ़िल;
पूर्ण समर्पण, ठोस इरादा, ख़ुद से तुम कर डालो वादा,
नहीं थकोगे नहीं रुकोगे, बिना किए मंज़िल को हासिल!

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26 APR AT 11:29

शरारतों की शुरुआत करते तो चंद लोग,
तिल का बनता ताड़ हो जाते गुटबंद लोग।
फिर मचता हंगामा और ज़्यादा नुक़सान,
शुरू हो जाती राजनीति जो है पुराना रोग!

बातों की तलवारें, ह्वाट्सऐप पे होती ज़ंग,
पीछे की बातों का उस पर चढ़ जाता रंग।
मुद्दा था असली क्या, हो जाता आख़िर गौण,
बाद के नुक़सानों की फ़ेहरिस्त से भारी कौन?

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