भाई-बहन का प्रेम अनोखा और प्यारा प्यारा होता है
सबसे अलग कुछ खट्टा कुछ मीठा और न्यारा होता है
आपस में भले ही वो खूब लड़ते और झगड़ते हैं या इक दूजे को कुछ कहें
लेकिन मजाल क्या कि कोई तीसरा उनमें से किसी को कुछ कहे
भाई-बहन को होती है परवाह भी इक दूसरे की
तभी तो हर कोई करता सम्मान अलबेले इस रिश्ते की-
12 August birthday
23 April marriage
जीवन कितना सुन्दर है,
थोड़ा सरल सलिल है
थोड़ा जटिल है....
फिर भी चाहे कर लो
जितनी कोशिश
जीवन को समझना मुश्किल है...-
सब्र का बांध आखिर इक दिन टूट ही जाता है
जब भावनाओं के समन्दर में तूफान जोर का आता है
बर्दाश्त करने की हद भी टूट जाती है जब बेचैनी शोर मचाती है
ताने उलाहने तीर सा चुभते हैं कि अन्तर्मन से चीख निकल जाती है
सब्र का बांध टूटने पर खुद को संभालना जरा मुश्किल होता है
वो चीखता चिल्लाता है अपने अन्दर दरक रहे मनोभाव को सहलाता है
मनोदशा विचित्र हो जाती है,अपना आपा खो देता है
सब्र का बांध टूटने पर भला कोई खुद को कहाँ संभाल पाता है-
अक्सर तेरे....
खुद को भूल जाया करते हैं
बस तू ही तू होता है
ख्यालों में मेरे....-
सुकून के दो पल की तलाश आज हर किसी को है
मगर ये मिलती कहाँ और कैसे है मालूम किसी को नहीं है
बस भागते ही जा रहे सब बेवजह की चिंता और अवसाद लेकर
मंजिल क्या है और कहाँ है किसी को मालूम नहीं है
जाने क्या पा लेने की चाह है कि चाहत खत्म नहीं होती
छोटी छोटी खुशियों को समेटना कैसे है मालूम किसी को नहीं है
ना अपनो के लिए वक्त बचा ना अपनो के साथ की अहमियत
टूटते दरकते रिश्तों को कैसे जोड़ना है मालूम किसी को नहीं है
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आँखें बंद करूँ तो सामने तुम
तुम ही तुम बस मेरे ख़यालों में
बन जाओ परछाई मेरी तुम
जीवन के सफर के हमराह तुम-
जिन्दगी को ठहराव चाहिए
सुकून के कुछ पल और
खुशी का पड़ाव चाहिए
बहुत हो चुकी भागमभाग
और दौड़ जिन्दगी की
शान्ति के साथ ईश्वर भक्ति में
तल्लीन हो जाने का प्रभाव चाहिए
इक नई दिशा नया बहाव चाहिए-
हमने करवाचौथ का व्रत किया सम्पूर्ण
किया पूजन विधिवत हमनें
अपने चांद का दीदार करके-
कुछ अलग है तुम्हारे मुस्कुराने की अदा
जिसे अपलक निहारते हैं ये दिल तुम पर फिदा-