तेरा खयाल कागज़ पर बिखरता ही रहा,
इश्क़ उतर आया आँखों से देखते-देखते !-
कैसे गिरने दूँ... अपने आँखों के आंसुओं को ,,
यादें तेरी सारी मिट्टी... में मिल जाएंगी ..!!
- शशांक भारद्वाज...-
यारा दिल की बातें जो तुम समझ जाते
इन आँखों को आंसुओं की जरूरत ना होती-
तेरी आँखों में अब भी मुझे प्यार नज़र आता है
जब भी तुम मुझे देखते हो मेरी आँखों का काजल और भी गहरा हो जाता है-
तेरी आँखों का काजल पसरा जा रहा है ,
दरिया उफान पर है, अब खतरा बढ़ता जा रहा है।-
वक्त ढूँढ रहा था मुझे हाथों में खंजर लिए
मैं छुप गया आईने में
आँखों में समंदर लिए
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सारी महफ़िलें अपने नाम करता चला गया
हासिल जब मैं हर मुकाम करता चला गया
एक ख़ूबसूरत हमसफ़र का साथ चाहिए था
उसी चाहत में फ़ना आराम करता चला गया
उसने मुझे तवज्जो भले ही ना दी उसका क्या
मिरा दिल मैं तब भी ग़ुलफाम करता चला गया
अब सबके दिल में सुकून हो ये तो मुनासिब नहीं
मैं अपनी जान क़ुर्बान सरे-आम करता चला गया
'आँखें पथरा जाती हैं' उसके इन्तज़ार में अक़्सर
मैं अपने आँसुओं को बे-लगाम करता चला गया
हर मुश़्किल हल हो जाती है मोहब्बत से "आरिफ़"
मैं पागल बेवजह ख़ुद को गुमनाम करता चला गया
उसके हसीन चेहरे को इक "कोरा काग़ज़" समझकर
सिर्फ़ उसकी ही तारीफ़ सुबह-श़ाम करता चला गया-
💕रूह-ए-जिंदगानी हर वक्त मेरी आँखों में बसी रहती है,
औ रूख़्सार मेरे गुलआजार किये जाती है!!!
वो और बात है कभी हमशीर,कभी हमरिश्त, कभी अत्फ़ाल, कभी हमनशीं तो कभी हमसफ़र का चोला पहन आती है!!💕-
होली बीती लेकिन आँखों पर नया अरमान छोड़ गया,
रंग था कच्चा फिर भी दिल पर पक्का निशान छोड़ गया !-
आँखों के इशारे समझ नही पाते
होंठो से दिल की बात कह नही पाते
अपनी बेबसी हम किस तरह कहे
कोई है जिसके बिना हम रह नही पाते-