QUOTES ON #अमन

#अमन quotes

Trending | Latest
10 JUL 2020 AT 10:47

ना आप वक़्त जाया करते हो,
ना ही तो हम इतराते है।
बताने को कुछ नुक़्स हो, तब तो बताए जनाब,
इसलिए ख़ामोश रह कर अपना प्यार जताते हैं।✍️✍️✍️

-


1 JUL 2022 AT 9:05

वतन में बहाल थी अमन राजनीति झोंक दी गई
अपनी बात कैसे रखता घर की हवा भी रोक दी गई,

कोई मुझको क्या बहकाता इक बोतल शराब से
मेरा दिल भरा नहीं हाथें जबरन रोक दी गई,

उसने तो सिर्फ़ इशारा किया थी कि आओ
महफ़िलों में शिरकत मेरी बेवजह रोक दी गई,

क्या जाने कितनी दूर है घर ख़ुदा का
मैं चला उस ओर तो कारवाँ भी रोक दी गई,

फ़िर कोई इलाज नहीं हो सका मेरा
बिन बताए मुझे दवाएं मेरी रोक दी गई,

आंसू सबकी आँखों में थे मेरे जाने पर
मैं ख़ुश था अब और जीने की सज़ा रोक दी गई

-



वो बीते दिन...वो ज़माना ढूंढता हूँ....
मैं उससे मिलने का रोज़ नया बहाना ढूंढता हूँ....
और.. दीवानी हैं वो जिस शख़्स की...
उसमे में मैं..मुझसा दीवाना ढूंढता हूँ...

-


24 OCT 2023 AT 18:12

रात... सारे तारे मिलकर आसमां खूबसूरत बनाते हैं
कई जुगुनू एक साथ उड़कर अंधेरे को सजाते हैं,
...कोई एक सोचे के मैं ही हूँ, मुझसे ही यह दुनियाँ है,
तो यह केवल उसका भम्र है,

कहते हैं किसी के होने या ना होने से क्या फ़र्क पड़ता है...
पऱ फ़र्क पड़ता है जनाब... सृष्टि का एक छोटा सा
कण भी अपने होने का महत्ब रखता है,

यूँ तो "प्रभु" की बनाई इस सृष्टि में अनाकारण कुछ भी घटित नहीं होता,पऱ फ़िर भी इस दुनियाँ को खूबसूरत बनाये रखने में सबका ही सहयोग अनिवार्य है,

ईष्वर के सिवा, एक अकेला मनुष्य, देश या धर्म...
इस पूरी सृष्टि का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता
मिलके सारा जल एक साग़र का निर्माण करता है
...कोई एक बूंद पूरे साग़र का दायित्व नहीं करती!!

-


4 JUL 2020 AT 15:01

मोम से दिखने वाले अक्सर पत्थर दिल होते है
पत्थर में लिखा मिटता नही,
मोम में लिखा कब पिघल जाये
ये तो मोम को भी पता नही

-


24 FEB 2021 AT 2:12

ये सुबह का शोर घड़ी की टिक-टिक को शांत कर रहा है "अरज",
मेरे मन का शोर शांत करने के लिए तुम रात का अमन ढूंढ लाओ।

-


23 JAN 2018 AT 18:26

बन्दूकों से नहीं कहूँगी अमन के लिए
फूलों से नहीं कहूँगी चमन के लिए
ज्यादा नहीं तो दो-चार मिनट ही सही
पर वक़्त जरूर निकालियेगा
अपने वतन के लिए...

-


30 JUN 2020 AT 18:41

अमन का ख़्वाब

दिन तो बड़ा ख़ूबसूरत निकला था आज, लेके साथ ज़ोरदार सूरज की चमक,
सुबह से ही घर में ख़ुशबुएँ थीं, और गुनगुना रही थी माँ की चूड़ियों की खनक,

बिना सरदर्द का कोई बहाना किये, हमें न्यौता मिला था पढ़ाई से छुट्टी का,
हमने भी मौका देख पास के मोहल्ले को बुला, खेल बद लिया था कबड्डी का,

आनेवाले दिनों की ऐसी ख़ुशी, लाख कोशिशों से दिल में समेटे ना सिमट रही थी,
पापा आने वाले थे छुट्टी लेके, सो फरमाइशों की लिस्ट बढ़ते हुए पन्ने पलट रही थी,

दिन का खाना तो रखा रह गया, नहीं था पता के इंतज़ार की घड़ियाँ कब तक थीं,
तभी अचानक दो लोगों ने, पापा जैसी वर्दी पहने सामने दरवाज़े पे दस्तक दी,

हवा से बातें कर सब छोड़-छाड़ पहुँचे करीब़, तो पापा की झलक कहीं नहीं थी,
उनके नाम का संदूक रखा था बस, और माँ की ख़ामोश आँखों में शोर सी नमी बही थी,

नहीं आयेंगे अब वो, देश से अपना एक बेटा और एक बेटे से अपना बाप जुदा हो गया है,
मौत तो ऊपरवाले के हाथ थी, ज़िंदगी लेने का हक़ लिए इंसान कबसे ख़ुदा हो गया है,

कितनी और कुर्बानियाँ लेनी हैं बाकी, कब जाके ज़मीन और मज़हब की ये मारामारी हल होगी,
क्यूँ है मिट्टी का मोल ख़ून की क़ीमत से ज़्यादा, सोये ज़मीर को जगाने की आख़िर, कब पहल होगी।


- आशीष कंचन

-


9 JUL 2017 AT 17:57

हवा ज़रूरी है वफ़ा ए ज़िंदगी को,
पर दीपक बन जाये तो मुसीबत है,

तन्हाई अमन से मिलाती इंसान को,
पर मजबूरी बन जाये तो मुसीबत है !

नतीजा ए कर्म, अज़ील देता है इंसानियत को,
पर गुनहगार बन जाये तो मुसीबत है !

प्यार ताकत देता है दिलवाले को,
पर कमज़ोरी बन जाये तो मुसीबत है !

रूठना मनाना मजबूत बनाते है रिश्ते को,
पर रिस जिद बन जाये तो मुसीबत है!

दाग़ अच्छे है बारीश में लगे लिबास को,
पर दिल पे लग जाये तो मुसीबत है !!!

-


28 FEB 2019 AT 8:40

अमन के दुश्मनों, जीने की तुम्हें इज़ाजत नहीं अब
बचोगे कितना, किस्मत करेगी हिफाज़त नहीं अब

-