QUOTES ON #अनुभवी

#अनुभवी quotes

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19 FEB 2021 AT 20:51

एक पेड़ और एक पत्ता,
दोनों का रिश्ता बड़ा ही खास है |
पेड़ बडे़-बुजुर्ग सा अनुभवी,
तो पत्ता जवानी का ऐहसास है ||

एक जवानी के जोश में पत्ता,
घूमना चाहे ये भ्रम संसार है |
और लेकर छली हवा का सहारा ,
छोड़ देता वो पेड़ का साथ है ||

फिर दिन दो दिन गुजर करता वो,
और खो देता जीवन से हाँथ है |
एक पेड़ और एक पत्ता,
दोनों का रिश्ता बड़ा ही खास है ||

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13 NOV 2020 AT 21:58

मैं अनुभवी खिलाड़ियों के साथ खेलना पसंद करता हूँ।
एक तो हारने का दुःख कम होता है,
दूसरा जीतने पर ज्यादा खुशी।
तीसरा उनके अनुभव से भी सीखने को मिलता है।

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7 FEB 2021 AT 10:34

सहसा काँच की खिड़की टूटी,
मेरे मन के अंदर भी कुछ दरक गया है!
प्रस्तर सतहें,ज्वलंत कोष
भीत का वहाँ कोना कोई सरक गया है!!

थाम लो दोनों हाथों से
छत गिरने को आतुर हैं अब शायद ,
पापा की बूढ़ी होती आँखों में मैंने देखा है,
नमी नहीं है...पर कुछ ख़ालीपन सा...
रूखापन सा है...!

हाय...चमक लूट ली किसने...
वक़्त का...कि अपनों का...मौन कोई वार हुआ है??
या ठग लिया है विधि ने
कि विधना कोई...प्रहार हुआ है...??

जिन हाथों की उँगली पकड़ी
वही उठी हैं उनपर आज...
तुम से व्यथित हैं ,
कि स्वयं से ही मन उनका हताश...
हुआ है...!!!

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अनुभवी थोड़ा कम हूँ
मगर जितना भी हूँ
काफी हूँ,
ज्यादा ज्ञान झाड़ने का शौंक नहीं मुझे,

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4 MAY 2020 AT 18:35

गहरे जख्मों के दर्द से जीना सीख लो..
वरना बेवफाई, ना सेह पाओगे तुम...!

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22 JUN 2017 AT 0:54

है सियासी लड़ाई ये,
इसमें रिश्ते जलते देखे हैं मैंने,
सामने जो मेरे अपने हैं,
पीठ पीछे बिकते देखे हैं मैंने !

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22 SEP 2020 AT 1:16

खामोशियो को मेरी तू सुन लेती है
चेहरे को पढ़ के मेरे मन की हर बात जान जाती है
:- माँ😍

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16 MAR 2022 AT 11:10

एक 'कल' तो अजनबी है और एक 'कल' अनुभवी है,
'अनुभवी' की संगति से 'अजनबी' को साधनीयम्।।

अनुभवी कल है पुराना, प्रेरणाओं का खजाना।
अजनबी के हित के हेतु अनुभवी को माननीयम्।।

क्या कमी थी? क्या थी खूबी? सब समेटे अनुभवी कल,
सब समीप्सित प्राप्त्यर्थम् अनुभवी को दर्शनीयम्।।

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अनुभवी
अनोखा देखता है और
बोलता भी ऐसा
जिसे ना कभी बोला गया
और ना ही सुना गया ।

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14 APR 2023 AT 9:42

वो खुदको बहुत तेज समझता है,
वो तुरंत इधर की बातें उधर करता है,

सभी पर उंगली उठाकर सभी में कमियां हैं बतलाकर,
वो अपने मुंह मियां मिट्ठू बनता है,
उसको खुद के सिवा अच्छा,
ओर कोई नहीं दिखता है,

वो चाटुकारों से घिरा खुदको बहुत अनुभवी समझता है,
वो गड्ढे से नहीं है वाकिफ और नदी की बात करता है..✍️ आनन्द"

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