Aaनन्द Sharमा   (मेरेजज़्बात_मेरेअल्फ़ाज़)
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Joined 30 June 2018


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Joined 30 June 2018

होता सुनकर यकिं अगर नहीं,
तो मशविरे को फिर इक बार आजमा लेना चाहिए,

रिश्तों में देखिए जबर्दस्ती कभी अच्छी नहीं होती,
जिनको जहां सुकून मिलता है,उन्हें वहां छोड़ देना चाहिए..✍️ आनन्द"

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कभी मेरे दर्द को महसूस तू कर,
कभी मेरी ख़ामोशी से तू गुफ्तगू कर,

और तुझे प्यार मुझसे है या नही,
तू देख एकबार अपने दिल से ये पुछकर..✍️आनन्द"

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जिंदगी देख यह तो तू भी
जानती ही है,
कि तू कर सकती
मेरी मां के जैसी मेरी
पुरी हर
फरमाइश नहीं,

जिंदगी देख तू तो जरूरत भर
मेरी जरूरतों का बस
ख्याल रखा कर,

मेरी और
तुझसे कोई
ख्वाहिश नहीं..✍️ आनन्द"


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मुझे फ़िक्र रहती थी
उस की,

उसे लगा
दिवाना हूं,
चाह में मैं
उस की..✍️आनन्द"

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हम'
लिखते रहते हैं,
और सब' पढ़ते रहते हैं,

इस तरह सबसे हम,
और हमसे सब" मिलते रहते हैं..✍️आनन्द"

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मुझसे अब कोई राब्ता वो रखता नहीं,
पर मेरी खैर-खबर बिन लिए वो रहता नहीं..✍️ आनन्द"

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वो' बैचेन कितना है देख
उसकी बैचेनी यह बता रही हैं,

शौक की उम्र में
उसे जिंदगी
सब्र करना
सिखा रही है..✍️आनन्द"


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हमारी बोल-चाल,
हमारे तौर-तरीके,
हमारा बर्ताव ही
हमारी पहचान है,
वरना आप यकिं किजिए,
आपके और हमारे नाम के,
इस जहां में
हजारों इंसान हैं..✍️ आनन्द

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हमें कम-स-कम गले वो लगायें,
जिन्हें हमारे ग़म समझ में आ जायें,

और हम आते कैसे समझ में देख किसी के,
हम खुदी कभी ख़ुद के समझ में नहीं आ पाये..✍️आनन्द"

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जज़्बातों की जबाँ नहीं होती है
सभी से हर बात बयां नहीं होती है,

जल कर,सुलग कर,
या फिर दफ़न होकर,
बस इक रोज़ जिस्म सिर्फ मिट्टी में मिल जाता है,
रूह कभी किसी की ख़ाक नहीं होती है..✍️आनन्द"

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