मन मेरे मेरी सुन भी लिया कर,
मत किसी से बहस तू किया कर,
जब तुझे समझता ही कोई देख नहीं,
मत चला कर फिर किसी को अपनी राय तू दिया कर,
और देख इस खुशफहमी में भी मत तू रहा कर ,
कि लोग तुझसे करते प्यार है,
तुझे तो पता है देख जब भी कही अपनी तू ने कभी कोई बात है,
लोगों की ही सुननी पड़ी तुझे हर बार है,
और कब तलक खाता रहेगा मन ठोकर बार-बार तू जानबूझकर,
मत कर देख बार बार गलती सभी को अपना तू समझकर..✍️आनन्द"
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मैं"मेरी'खुद'की..
बस मुलाकात'हो जाने दे मेरी'खुद'से,
फ़िर कहानी'भी बताऊंगा,... read more
जहां में ऐसा कौन है,
जो देख है ग़मज़दा नहीं,
आनन्द"से पर तु जुदा नहीं,
तुम" से मगर आनन्द"जुदा नहीं..✍️ आनन्द"-
जी रहा जीवन हूं मैं,
जीवन से रोज़ नई जंग लड़कर,
अपने अधूरे सपनों संग
जिम्मेदारियों का बोझ चुपचाप सहकर,
बन ना जाऊं मजाक कहीं मैं
अपने ग़म और दर्द सामने किसी के कहकर,
रख लेता इसलिए मन ही में हूं मैं,
अपनी यादें अपने किस्से सारे संजोकर..✍️ आनन्द"-
हाथ कहीं फिर जल न जाये,
इसलिए जब अब चिराग जलाता हूं तो मैं जरा सा फासला रख कर जलाता हूं,
और सच है यह बिल्कुल,
मैं दोस्तों के साथ अपनी तकलीफ अक्सर भुल जाता हूं,
आंखों में अपने अश्कों को मैं छूपा लेता हूं
खुश हूं मैं मुस्कुराकर जता देता हूं..✍️आनन्द"-
इश्क है पर
बतला सकते नहीं कहकर लिखकर गर तुम,
तो सुनो,
कह सकते हो निगाहों से इशारों-इशारों में भी अक्सर तुम,
और कर सकते इश्क हो तुम,
कोई हक न जता कर भी,
चाहो तो निभा सकते हो,
कोई रिश्ता ना बना कर भी..✍️ आनन्द"
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मसला हो गया हल है यारों,
अब कोई अनबन कोई झगड़ा नहीं होगा,
मशविरा मेरा मान लिया है मेरे दिल ने,
अब किसी को कभी अपना समझकर वो गुस्सा नहीं होगा..✍️आनन्द"
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देख कर किसी-किसी को कभी-कभी लगता है,
वाह ...आदमी इतना अच्छा भी होता है,
पर अगले ही पल
यह याद कर
भ्रम मेरा टूट जाता है,
कि देख न ही कोई आदमी से बढ़िया अभिनय सकता है
ना ही कोई आदमी से बड़ा अभिनेता होता है..✍️आनन्द"-
तुम किसी को भी,
अपने से ज्यादा अपना समझने लग जाना मत,
दूर देख दिखने लग जाते हैं बहुत फिर लोग और रिश्ते यहां,
तुम किसी के भी नजदीक ज्यादा रहने लग जाना मत..✍️आनन्द"-
दिखाई देता रहा उम्र भर देख,
किसी की मोहब्बत में कभी किसी की कभी नफ़रत में मैं,
मुमकिन देख कभी हुआ ही नहीं,
दिखूं हरदम अच्छा ही सभी की नज़र में मैं..✍️आनन्द"-