कमीज़ में रफ़ू करवा कर,
पहना था उसे पहली बार।
उस उतरन में उतनी ताक़त कहाँ,
जो पैबंद सी ज़िन्दगी सीने चली थी।-
इन नादान पतंगों से कौन कहे,
की कुछ ना उन्हें ये एतबार देगा,
जिसने ऊंचाइयों पे चढ़ाया है अब,
शाम ढले वो ज़मीन पर उतार लेगा ll-
وہ جو خوش گماں ہے ترے پہلُو میں،
"_کبھی اسے بتانا تم میری اتُرن ہو_"
Woh jo khush guman hai tere pahlu me,
"_kabhi use btana tum meri utran ho_"-
ek shakhs tha jo kabhi hmara libaaz hua krta tha
jao,
ab fakiro ko mubarak utran hamari....
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कुछ लड़कियों की जिंदगी भी कितनी अज़ीब होती हैं,
उन्हें जिंदगी भर बस उतरन ही नसीब होती हैं ।
जहाँ बचपन मे बहनो के पुराने कपड़े मिलते थे पहनने को,यहाँ तक की स्कूल बैग, किताबे,यूनिफॉर्म भी पुरानी मिली.
बड़े होने पर उन्हें मोहब्बत भी किसी और की नसीब होती हैं ।-
Teri patang kat gai to tu ye na samhajna
Manja ki tu kisi patang ki baje se kata he
Vo to bas jariya he upar le janeka
Katkar niche to tuze tere biradri vala hi laya he-
जीव दया वाले न जाने इन मासूम पंखियों की मौत पैर क्यों जश्न मनाते है,
यह कैसा दोगलापन है,
सौक की खातिर चिड़िया को क़त्ल करे और ढोंग बहुत दयालु होने का रखें।-
ઉત્તરાયણની ખરી મજા તો મનભરી પતંગ ચગાવવામાં,
અને પતંગ ચગાવવાનો અસલી સંતોષ તો દોરીના ઘસરકમાં.
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