QUOTES ON #UQHINDI

#uqhindi quotes

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3 SEP 2018 AT 11:17

माखन चुराना तो एक बहाना था
असली मकसद तो चित को चुराना था

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3 JUL 2019 AT 20:35

जब मेरी वजह से कोई नाराज़ हो जाता है
तो मैं खुद से नाराज़ हो जाती हूं
मेरी वजह से कोई नाराज़ क्यों है।


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2 MAY 2020 AT 18:13

लोग कहते हैं..?
मै बदल गई हु,
अब उन्हें कौन बताए..
अभी तो बस दर्द और ज़ुल्म,
सहना मैं भूली हु।

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19 JUN 2020 AT 15:44

एक स्त्री
और
एक पुरुष
के बल में....

सिर्फ एक
"भी"
का अंतर होता है,

एक पुरुष
एक स्त्री से बलपूर्वक
"कुछ भी"
करा सकता है

और
एक स्त्री "कुछ" नही...!!

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25 JUL 2020 AT 19:38

एक हजारों में मेरा पगलू है
आज हैपी बर्थडे उसको कहना है।।

शक्ल से तो ठीक ठाक है पर अकल से बिल्कुल खाली
सुबह होती है दोपहर में जब सभी पीटते चिमटा और थाली
बारह बजे आंखें खुलती झटपट से मोबाइल ढूंढती,
ब्रस को किसको पड़ी है भैया आंखें पब्जी को घूरती,
समय को किसको भान है लेकिन राजा बनके रहना है

एक हाजारों में मेरा पगलू है
आज हैपी बर्थडे उसको कहना है।।

कितनी दफे मना कर चुके छोटू है अभी, पर करनी है मनमानी
हड्डी-हड्डी चमक रही डोले सोले बनाने करते हैं खींचा तानी
खाने-पीने में है लीचड़ पर सिक्स पैक बनाने की है मन में ठानी
फिर भी है तो अपना लाड़ला है जिसको सबका दुलारा बनकर रहना है

एक हजारों में मेरा पगलू है
आज हैपी बर्थडे उसको कहना है।।

पढ़ने लिखने में दम है घुटता पर अपना रौब सब पर छांटता
जो भी कह दे पढ़ने को समझो गुस्सा उसी पर छांटता
पब्जी का हीरो बैन टिकटाक का जीरो को मन ही मन चूर रहना है
पड़े-पडे़ खाट पर बस दिन भर हीरो बनने के स्वप्न भरपूर
देखना है

एक हजारों में मेरा पगलू है
हैपी बर्थडे उसको कहना है






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17 FEB 2019 AT 21:37

सांझ ढलती गई
सूखी पत्तियाँ गिरती गई
आईना भी धुंधला-सा पड़ा
रह गया,...
उन सवालो के जवाब में
जो हर शाम वो खुद के
चरित्र से पूछा करती थी।

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16 JUL 2018 AT 9:01

इजाजत हो "यारा" तेरी तो मेरे करीब आ जाऊँ
तुझसे प्यार करने की अगर मोहलत पा जाऊँ,

ना फासले रहे दरमिया हवाओं का भी,
इस तरह से तेरे आगोश में सिमट जाऊँ....!!!!

♥️संतोष गुड़िया♥️

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14 SEP 2020 AT 12:59

ओ बीछड़ने वाले मुसाफिर विदाई तो ठीक से ले जा
तेरा दिल मेरे पास है इसे अपने साथ तो ले जा

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17 JUL 2021 AT 12:19

सुनो.....
अब मेरी तन्हाइयों में मेरे पास मत बैठा करो,
मेरी खामोशियां बहुत बोलने लगी है....
बहुत कुछ सह चुकी हैं ये.....
तुम्हारी सोच से कई ज़्यादा समझ चुकी हैं...!!
कुछ बातें इनकी तुम सुन नहीं पाओगे,
जो सुन भी ली तो मान नहीं पाओगे ....!!
और इनके जितनी ख़ामोशी तुम कभी सह नहीं पाओगे,
क्योंकि अब मेरी खामोशी में तुम, ख़ामोशी नहीं पाओगे!!
इसलिए मेरी तन्हाई को मत छूना तुम,
तुम चाह कर भी इसे चाह नहीं पाओगे!!

और तुम भूल कर भी इन्हें .......
कभी भुला भी नहीं पाओगे ......!!
इतने शोर भरी ख़ामोशी तुम कहीं नहीं पाओगे ...!!

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Unki khata kahe ya meri khata,
Na ye h jeevan e ishq ki khata,
Nhi kah skte kisi ko bevefa,
JB jindgi hi de jaye dga....

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