वो पहले वाली बात
अब कहाँ तुम्हारे बाद....
पहले सी खुशियाँ अब नहीं दिखती
मुस्कुराहटें घर में अब नहीं गूँजती
आँसू छुपा कर हँसना भी तो,
सीख लिया सबने तुम्हारे बाद।।
अनसुनी तुझे दी हर आवाज़ है
सब जैसे ख़ुद से ही नाराज़ है
हाँ एक तुम्हारे आने का इंतज़ार,
अब भी वैसा ही है तुम्हारे बाद।।
पर वो पहले वाली बात
अब कहाँ तुम्हारे बाद।।-
रहा कुछ भी नही बाकी तुम्हारे बाद दुनिया में
न मंज़िल थी न राहें थीं सफ़र बस चलते जाना था-
तेरे बाद किसी और के होने की
अब कोई ख्वाहिश नहीं है मुझे
हाँ तुमने कहीं और रूख कर लिया है
वो तुम्हारा चुनाव है,,,,,,
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तुम्हारे बाद
तकिये पर आफ़त आयी है,
वो बिस्तर का जुर्म सिर्फ़ तुम तक था!-
कभी खुशी से खुशी की तरफ नहीं देखा
तुम्हारे बाद किसी की तरफ नहीं देखा ।
कभी चहचहाना हुआ करता था तुम्हारी सोहबत में
तुम्हारे बाद खुद को बोलते नहीं देखा ।
पढ़ लिया करती थी कभी तुम्हारी आँखों में खुद को
'कोहि' अरसा हो गया आईने की तरफ नहीं देखा ।-
Mauquuf yoon hoon andhero'n
me ki palat kar
roshni ki taraf nahi dekha.
Khayi jab ek paththar se thokar to
phir zameen par chal kar
nahi dekha.
Tabdeeli k hunar ko dekha jab to
Humne Mausam or insaano'n
me faraq nahi dekha.
Shouq bohot tha aandhiyo'n
se Ladne ka, ek hawa aisi chali ki
phir parwaaz chadh kar nahi dekha.
Be-wafa bohot dekhe tumhare
bad magar, jab Mout ki wafa dekhi to
phir zindagi ko mudkar nahi dekha.
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एक वही तो हमदर्द था मेरा
वक्त क्या गुजरा
वो तो बहुत खुदगर्ज हो गया।
मोहब्बत में उसकी इसी तरक्की की वजह से
मेेरी मोहब्बत का बेड़ा गर्क हो गया।
😛😛😛😆😆😆😆😂😂😂😂
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अपनों में कोई अपना नहीं रहा
तुम्हारे बाद कुछ भी नहीं रहा
Karuna Tiwari
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वो शर्ट का बटन जो तुमने टांका था न..
तुम्हारे जाने के बाद अब मै नहीं पहनता...-