जब भी लिखना चाहा तेरे बारे में
तब तब आंख मेरी भर आती है
हर्फ धुंधले हो जाते है ख्यालों में
यादें दर्द के सैलाब से भर जाती हैं
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गायत्री गुप्ता
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Joined 16 May 2017
7 FEB 2023 AT 19:52
4 FEB 2023 AT 15:31
हासिल तो वो कभी हुआ ही नहीं
लेकिन,वो क्या जाने
खोया तो उसे हमने आज भी नहीं-
16 DEC 2018 AT 23:50
लिखते हुए हम अपने
उन लम्हों को भी जी लेते हैं
जिन्हें जीते जी हम कभी जी नहीं पाए!-
19 JUL 2020 AT 14:01
मुझे यकीन है मिजाज तेरा भी बदलेगा
जब कभी तू खुद के भीतर गहरे में उतरेगा
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18 JUL 2020 AT 13:02
जाने वाले को रोका नही जा सकता
मोहब्बत तो रिश्ता है नाजुक से अहसास का
जिसे जबरदस्ती जोड़ा नही जा सकता ।।-
29 JUN 2020 AT 23:19
एक शाम और ढल गई,तुम्हारी चिठ्ठी के इंतजार में
अब सुबह तलक चलता रहेगा कारवां बिखरी हसरतों का-
27 JUN 2020 AT 23:14
मुद्दतें गुज़र गयी
उस गली उस शहर को छोड़े हुए
ना जाने क्यों
आज जहन में एक हूक सी उठी
रूठकर वो शायद गया ही न हो....
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18 JUN 2020 AT 18:03
समय बदल गया,
बातें बदल गयी
बदल गई कायनात भी
बस... !! बदली नहीं
तो दो चीजें प्रिये
एक आँखों की नमी
और दूसरी तुम्हारी कमी !!
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