....
-
🙌🙌✨💫
जैसे जैसे समय बीत रहा है, अपने आप को थोड़ा और बेहतर समझने लगी हूँ । अब तक की अपनी पूरी जिंदगी को जब पलटकर देखती हूँ तो एहसास होता है जिस लम्हे जिस चीज़ की सबसे ज़्यादा ज़रूरत रही, वक्त पर नहीं मिली । और सबसे बड़ा सच कि मुझे रिश्ते निभाने कभी नहीं आए , जब कभी प्रेम ने दिल पर दस्तक दी , हाथ थामकर साथ चल देने के बजाय मुझे हाथ छुड़ा लेना ज़्यादा बेहतर लगा। ऐसा नहीं कि मुझे प्यार व्यार में विश्वास नहीं है। हालाँकि फिक्र, परवाह हमेशा शिद्दत से ही की मैंने। लेकिन एक वक्त के बाद इन सबसे उकता जाने के डर से मैंने अपने कदम पीछे खींच लिए। सच कहूँ तो ये प्यार व्यार मेरी जिंदगी में "सब कुछ" कभी नहीं रहा । मैं जानती हूँ आगे भी ये प्यार मेरे लिए सब कुछ कभी नहीं रहेगा।
-
तुम नहीं मिलते
तो यक़ीनन
मैं दुनिया की भीड़ में
खो जाती
और फिर:::::::
अगर तुम नहीं बिछड़ते तो.....
मैं अपनी मंज़िल से भटक जाती!!-
कभी - कभी
बैठे हुए यूँही सोचती हूँ कि
क्या था वो सब
तुम महज़ एक ख़याल थे
या फिर अपना होने का वहम था मुझे
कुछ भी हो
वक्त - बेवक्त
आज भी वो बीते पल
दिल के दरवाज़े पर
दस्तक देने आ ही जाते हैं।-
लखनऊ की सादगी पसंद एक लड़की
बनारस जैसे शांत और समझदार
लड़के से इश्क़ कर बैठी है।-