रहती हूँ मैं सांसों की तरह उसमें
या बस यूँही आती जाती हवा हूँ मैं,,
सच में सच्ची है क्या चाहत उसकी
या किसी को भुलाने की वजह हूँ मैं,,
मैं सुकून हूँ उसकी बेचैनियों की
या उसकी बेचैनियों की वजह हूँ मैं,,
कितने सवाल चलते हैं दिमाग़ में जब
दिल करता है दिल से ज़िक्र उसका ,,
कभी लगता है मैं बजह हूँ जीने की
कभी लगता है उसकी जिंदगी में वेबजह हूँ मैं,
शौक़ है उसका वास्ता रखना सबसे ,,
मैं भी शौक़ हूँ उसका या दिल की रजा हूँ मैं,,
जमावड़ा है तितलियों का उसके दिल के घरौंदे में,
मैं भी उनमें से हूँ या फिर उसके दिन की सुबह हूँ मैं,,
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