प्रधान मंत्री जी को अचानक आया जनता पर प्यार,
पब्लिक की हालत ख़राब कर दूँ कर लिया विचार!
सर पर टेन्शन का वज़न काफी था,ऊपर से हेलमेट की ये हैरत दी है,
बिना बोझ अच्छे खासे थे हम, कैसी हेल्मेट की ये झंझट दी है !
साइड का कुछ दीखता नहीं, फोन रिसीव करने की परेशानी,
बाहर की आवाज़ सुनने से तो रहे हम हॉर्न ना सुन सको तो हैरानी !
हाइवे तक तो ठीक है बिच शहर में हेल्मेट की क्या ज़रुरत पड़ी?
नौजवानो को फिर भी ठीक है वयस्कों के लिए मुसीबत बड़ी |
हेल्मेट सेलर्स के मज़े है, लेडीज़ को कलर सिलेक्शन की फ़िकर है,
पिंक कलर में अगर मिल भी जाये तो फिर हैर स्टाईल पर असर है |
बीमार रास्तो पर मुश्किल से गाड़ी चलती है शहरों में एक तो सडको की बवाल है,
ट्राफिक जाम का इश्यू ठहरा और २० की स्पीड में एक्सीडेंट का कहाँ सवाल है?
कुछ ऐसी है हेल्मेट की कहानी, पड़ गई है दुविधा में दुनिया सारी !
पहनो तो सज़ा, न पहनो तो गुनाह! जाए कहाँ ये जनता बिचारी |
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