Sonam Pathak   (©Sonam pathak)
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Joined 15 October 2017


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Joined 15 October 2017
12 DEC 2023 AT 3:49

ठोकर लगने पर एक बार फ़िर भी संभल जाएंगे
धोखा दिया जो ख़ुद को गर फ़िर किधर जाएंगे

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26 JUL 2023 AT 13:25

बना लो अभिप्रेरणा अपने स्वपन को
हर उस निराशा के बादल हटाने के लिए
भर लो अदम्य साहस भुजाओं मे
हर उस विप्पति के मुकाबले के लिए
बाधाएँ तो कल भी थी और कल भी होंगी
उनका काम हैं तुम्हें विचलित करके जाना
एवरेस्ट की ऊँचाई सी दूर पड़ी है मंजिल
जिसे तुम्हें स्वयं ही होगा पाना
करो साहस, कर लो संकल्प मन मे
अब नही रुकोगे तुम इस प्रगति पथ मे

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25 JUL 2023 AT 4:49

करी हो विंतिया तोहसे
सुनअ हे भोला त्रिपुरारी
शंभु नाथ हें महादेवा
हे जगत के कल्याणी
करीला तू सब पर
कृपा हो बाबा
सुन हो अब त विनती हमारी
बहुत असफलता झेल रहली
हयी हम किस्मत के मारी
कहेला सब तोहके भोले बाबा
सब के तू ह दुखहरण हारी
हमरो विनती सुन ला ना हो बाबा
आस हयी अब बस तोहरे दुआरि

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24 JUL 2023 AT 0:46

वो चंद सी दिवारी
और व्याकुल से नैन
मानो कुछ ढूँढ़ रहे हो
शायद अपना पहला प्यार
जैसे वो वही मिलेगा
एक बार फ़िर थामने को
अपने हाथों मे मेरा हाथ
अपनी ज़िंदगी का आधा भाग
वो मेरा पहला प्यार
मेरे इनकार को
अपने इंतजार का वास्ता दे
वो करा लेगा इकरार
अपनी मोहब्बत का
वो मेरा पहला प्यार


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21 JUL 2023 AT 3:54

वो बात कुछ और थी
जब बेबाक हुआ करते थे बोल मेरे
आज तो आलम कुछ ऐसा हैं
एक कंधा भी चाहिए
तो पहले मरना पड़ेगा

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22 JUN 2023 AT 3:07

रंगों से सजाना था
हर कोना महकाना था
जीवन को जहाँ अपने
चंदन सा चमकाना था
पर फेर मति की मारी मैं
कुछ जलन की पीड़ा से
कुछ मोह के बंधन से
कलंकित कर के पापों से
आज हाथों का ये रंग
देखोे कैसे चमक रहा

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19 JUN 2023 AT 3:33

शहर की रोशनी मे छिपा
एक ऐसा अंधेरा
जिस से लड़ते लड़ते
हर रात यू बीत जाती है
मानो कल सुबह होगी
एक नई उम्मीदों की
और इसी तरह
रोशनी के साथ हर शाम
एक और उम्मीद का
वास्ता देकर ले आता है अंधेरा
उसी अंधेरे को दूर करने
हर रात संघर्ष करती है ये राते
मानो कभी तो सुबह होगी

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17 NOV 2022 AT 2:51

माना भटक रहे हो अंधियारो राहों मे
पर संभलना ही होगा तुम्हें
वरना पीछे बहुत लोग है
ठोकर मार के जाने वालों मे

माना संघर्ष बहुत हैं राहों मे
पर लड़ना ही होगा तुम्हें
वरना पीछे बहुत लोग है
नीचे गिरा के जाने वालो मे

माना मायूसी बहुत हैं राहों मे
पर हौंसला रखना ही होगा तुम्हें
वरना पीछे बहुत लोग है
हिम्मत तोड़ के जानें वालों मे

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13 NOV 2022 AT 23:23

कयामत की रात क्या होगी ये पता नही
पर इंतज़ार का हर लम्हा
आज की रात कयामत ढा रही हैं

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13 NOV 2022 AT 23:11

रात का अंधेरा कितना भी गहरा हो
सवेरा हो ही जायेगा
जख्म कितना भी गहरा हो
एक न एक दिन भर ही जायेगा
क्यों ज़िद्दी बना है तू दिल
उसे याद करने मे
दूरियाँ इतनी गहरी हो चुकी हैं
अब वो तुझे भूल ही जायेगा

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