Khayalo ko khafa mat karna,,
Warna khowaab nahi aayenge...
Wo to yese bhi milane nhi aate,,
Aap thand ke mosam me kanha jayege...-
ये सारी दुनिया ही नफ़रतों के आग में जल रही है,
फिर भी ना जाने कैसे ये ठंड इतना मचल रही है..
आम इंसान अब भला करे भी तो करे क्या यारों,
ना मौसम सम्भल रहा है न नफ़रत बदल रही है..-
सिमटी सी है ज़िन्दगी सडकों पर आज कल,
ऐ हवा, कम्बख़त, ज़रा कुछ हौले हौले चल...-
मौसम भी अब सर्द हुआ जा रहा है
यादों में उनकी दिल डूबा जा रहा है
अब तुम पिला दो हमे भी एक चाय
नींद में भी तेरा नशा चढ़ा जा रहा है-
"Raat ke andhere me
Kale ghane ashman me
Thandi mast hawao me
Khuli chhat ke kone me
Mithe se sapne ankho me
Mera hath he tere hatho me
Jab tum ho mere sath me"-
सर्दी की आड़ में ,😔
उम्र ढल रही है।
✍✍
और लोग कह रहे हैं ,🙊
कि ठंड बढ रही है।-
Wo thithurti raate wo yaro ke sang masti
Wo thandi raate wo dosto ke sang baate
Wo ghero me jalti aag or hath me chai
Gazab h yeh din or gazab h yeh raat-
झुनझुना जैसे झनझना रहा है
जैसे बारिश गुनगुना रहा है
यूं तो धड़कन धड़कती ही नहीं
मगर लगता है हवा धडक रहा है
कहो! किस तरह मैं चलूंगा इन पगडंडियों पर
जिस पर मैं कभी नंगे पांव भागा जा रहा था
कहीं है ठंड हवाएं कहीं है कप-कपी
इस रूह में जरा सी आंग जला दो
जैसे लगने लगे कि मेरा आशियाना जल रहा है
मैं जलने लगा गर्म सासों सा..
वो पिघलने लगा ठंड में जैसे बर्फ सा...-
ठंड के तरफ़ मुँह कर के मौसम ने ली है करवट
खुले आसमां के बीच ठंड की आने लगी है आहट
दिन में तो धूप होगा पर रात होगा मुश्किल भरा
क्यों की इनके पास नहीं है दरवाजे और चौखट
वक़्त भी हर तरह के दिन दिखाता रहता है
होंठों पर झूठी मुस्कान की ले आता है बनावट
ग़रीबी है मज़बूरी है ज़िन्दगी की आज़माइश है
सड़क किनारे एक आसियां की बनी है सजावट
बहुत मुश्किल होगा ये सफऱ जो अब गुजरेगा
कड़कड़ाती ठंड के बीच होगा काम की थकावट
हर हाल में वक़्त इंसान को जीना सिखा देता है
फिर चाहें जितना भी आ जाए सामने रुकावट-