QUOTES ON #TEHJEEB_HAFI

#tehjeeb_hafi quotes

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18 MAY 2021 AT 18:00

वो फूल ना जाने कितना खिल गया होगा।
कोई भंवरा शायद नया मिल गया होगा।

सब बुलाए मुझको महफ़िल में पर मैं ही जा ना सका,
सोच कर कि वहाँ मिरा कातिल गया होगा।

कौन यकीं करेगा उस दरिया पे कि उसपे क्या है बीती,
अफवाह है कि मिलने उसे खुद साहिल गया होगा

पन्ने फटे हैं मिरी लिखी कुछ किताबों के,
मोहब्बत समझने ज़रूर कोई जाहिल गया होगा।

वो आए थे कल मिरे ख़्वाबों में "ज़ावियान",
मुझे फिक्र है कि पाँव उनका छिल गया होगा।

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23 APR 2019 AT 14:44


मेरे बस में नहीं कि मैं ,
कुदरत का लिखा हुआ काटता ;
तेरे हिस्से में आए बुरे दिन,
कोई और काट ता ।।

साँसों से ज्यादा इश्क़,
तेरे लफ्जों से था ;
तेरे इशारे नहीं काट सकता,
तेरी बातें क्या काटता ।।

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21 FEB 2021 AT 20:38

ये आईने मे जो मुस्करा रहा है,
मेरे होंठो का दुःख दोहरा रहा है,
मेरी मर्जी मे उसपर जो लूटाऊ,
तुम्हारे जेब से क्या जा रहा है!

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17 NOV 2019 AT 22:46

ये आईने में जो मुस्कुरा रहा है,
ये मेरे होठों के ग़म छुपा रहा है,
मेरी मर्जी मैं जो लुटाऊ उसपर
तुम्हारी जेब से क्या जा रहा है।

तहज़ीब हाफी

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30 JUL 2019 AT 13:24

तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है
मोहब्बत- बोहब्बत बड़ा जानते हो
तो फिर ये बतायो कि तुम
उसकी आँखो के बारे में क्या जानते हो!
ये जुगराफिया, फलसफा, साइकोलाॅजी, साइंस, रियाजी वगैरह
ये सब जानना भी अहम है
मगर उसके घर का पता जानते हो!
- tehzeeb hafi

1.दस्तरस : reach, access 2.जुगराफिया : geography
3.फलसफा : philosophy 4.रियाज़ी : maths



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मैं घर में बैठ कर पढता रहा सफर की दुआ,
वो उनके लिए जो मुझसे दूर जा रहे थे,।





तहजीब हाफी साहब

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22 SEP 2020 AT 20:59

दिल मोहब्बत में मुब्तिला हो जाए,
जो अभी तक ना हो सका हो जाए,
तुझमें ये ऐब है या खूबी है,
जो तुझे देख ले तेरा हो जाए,
खुद को ऐसी जगह छुपाया है,
कोई ढूंढे तो लापता हो जाये,
मैं तुझे छोड़ कर चला जाऊं,
साया दीवार से जुदा हो जाये,
तेरा दिल भी कैसा दरख़्त है यार ऋषभ,
जो उसकी याद से हरा हो जाये!

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15 MAR 2020 AT 0:10

ये कौन राह में बैठे हैं, मुस्कुराते हैं,
मुसाफिरों को गलत रास्ता बताते हैं,
तेरे लगाए हुए जख्म क्यों नही भरते,
मेरे लगाए हुए पेड़ सूख जाते हैँ,
कोई तुम्हारा "tour" पर गया तो पूछेंगे,
की रेल गुजरे तो हम हाथ क्यों हिलाते हैं!

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11 DEC 2019 AT 9:48

घर मे भी दिल नही लग रहा
काम पर भी नही जा रहा
जाने क्या खौफ है जो
तुझे चुम कर भी नही जा रहा

रात के तीन बज ने को है
यार ये कैसा महबूब है
जो गले भी नही लग रहा
और घर भी नही जा रहा
-तहजीब हाफी

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8 NOV 2019 AT 9:32

aaine aankh me chubhte the, bistar se badan katrata tha,
ik yaad basar karti thi muzme, me saans nahi le pata tha,

ik shaks ke haath me tha mera khilna bhi, murjhana bhi,
rota tha to rat ujad jati, hasta to din sawar jata tha,

me rab se rabte me rehta, mumkin hai ke us se rabta ho,
muze hath uthane padte the, tab ja ke wo phn uthata tha,

muze yaad hai bachpan me jab bhi us par najar padti,
mere baste se phul girte, meri takhti par dil ban jata tha!

.. Tehjeeb Hafi

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