* पटाकों की गूंज मुझे सच्ची नही लगी,
ये दिवाली मां के बिना अच्छी नही लगी।
* रात को रात भर जगा के रख्खा था,
मां ने दियों से अंधेरे को बुझा के रख्खा था।
* मेरी हर गुस्ताख़ी,मेरी हर चलाकी,तुझपे चल जाएगी,
"खुदा" अगर मुझे कुछ हुआ, तो वहां तेरी तस्वीर जल जाएगी।
* अश्कों को उसकी आंखों पे लाना छोड़ दो,
ए मेरी याद,मेरी मां के पास जाना छोड़ दो।
* कैसे मैं अपने आसुओं को आने से रोकूं,
कैसे अपनी मां को,दूर जाने से रोकूं।
* मेरे पास,मेरे सनम की याद बेवफाई बन के रह गई थी,
उसमे मेरी मां की गोद दवाई बन के रह गई थी।
* खुदा कभी तू ये खता ना करना,
किसी मां को बेटे से जुदा ना करना।
* घर से निकलता हूं,घर को लौटता हूं,
तू मुझे नज़र नही आती;
सोते - सोते देर हो जाती है;
तेरी आवाज़ नहीं आती;
ठंड में जान बुच कर निकल जाता हूं घर से;
अब पीछे से मफलर की फरमाइश नही आती।
* अब तो मां को कुछ यूं अपने पास बुला लेता हूं,
याद आती है मां की,तो रसोई मे चूलाह जला लेता हूं।
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