प्रिये कस कोणी मावत नाही मनात कोणी तुजवीन
कसा गुंतत गेलो कधी उकलायची आता ही वीण
-सुमेध-
"We are indians lastly and firstly ! "
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हजार फक्र के किसी हसीन नजर
का मैं इंतखाब रहा
वो एक शख्स के दुनिया तरसे जिसके लिए
जहे नसीब मुझे कितना दस्तयाब रहा
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आणि मग तुम्ही त्यांचा तिरस्कार करता,
ज्यांच्या आठवणी असह्य व्हायला लागतात
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एखाद्या नात्याला नाव न देता येण म्हणजे द्वंद्व
पण एखाद्या नात्याला नात्याला नाव ठेवण म्हणजे पातकंच-
हर धडकते पत्थर को लोग दिल समजते है
एक उम्र गुजर जाती है दिल को दिल बनाने में
-बशीर बद्र-
मेरी तलाश तेरी दिलकशी रहे बाकी
खुदा करे के ये दीवानगी रहे बाकी
-निदा फाजली-
ना एक पल तेरे संग गुजरा है
ना एक याद तेरे बिना आयी है
तू धूप है बरसातों की
तेरी एक नजर से आँख भर आयी है
तेरी शाम से रोशन किवाड़ा है
तू सादगी का सौदा पुराना है
तू भूल जा कही सुनी बातों को
किसे याद गुजरा जमाना है
मेरा कमरा खामोशियो का ठिकाना
तेरी बात से बात को मनाना है
किस्मत होती कहा किसीके किस्मत में
ये घूंट भी हसके खुदही को पिलाना है-