सुनो,
मेरे लिए बादशाह के हुकुम सी हो तुम .....
जिसकी तामील करना मेरी इबादत में शामिल है।।-
तेरे हर हुक्म की तामील हो लाज़िम तो नहीं,
तेरे आशिक़ हैं मगर थोड़ी अना रखते हैं..!!-
सुनो बेवजह बेबाक ही है इबादत की तामील
अब लोगों ने जहर घोल दिया है हवाओं में-
Kabhi Soncha Hai Tune Ki Ek Maghroor Sa Ladka..
Na Jaane Kyu Tere Har Huqm Ki Tameel Karta Hai..-
तामिल हो जिस तालिम की ऐसी अब कहां वो बात है ,
दिलों में भी फ़क़त अब तो मोहब्बत की जगह कलपुर्जे लगे हैं-
जनाब तामील तो वो सब करता है
अजीब शख्स है बस मोहब्बत नही करता है-
Kamiyabi Hasil hogi,
Kismat bhi kabil hogi,
Jab haushlon me taqat hoga
Jab khaylon ki tameel hogi,-
रिश्ता भी तो निभा कर देखिए जनाब,
हक जमाने तो सिकंदर भी आया था।
कुछ तसल्ली भी रखिए हुजूर,
बाईस साल में जाकर तामील,
शाहजहां ने ताज कराया था।-
Unka hukum tha door ho jao
Humne bhi tameel kardi....
Unka to pata nahi....
Humne khud ko paa liya.-
इतना इल्म तो हमें भी हुआ है,
तामील-ए-मोहब्बत के ज़रिये।
कि हासिल कुछ नहीं होता,
सिवाय मंज़र-ए-तबाही के।।-