तेरी यादों की खवाहिश में
गुजर जाते है कितने कारवां
फिर हर रोज सुबह होती है
फिर हर रोज शाम होती है-
Shraddha Yadav
(श्रद्धा)
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थोड़ी जिद्दी हूं मगर रफ टफ हूं सपनो की दुनिया में नही रहती हूं प्रेक्टिकल हूं परिस्थितियो... read more
Joined 2 November 2018
22 HOURS AGO
YESTERDAY AT 13:24
तमाम उम्र की ये बातें
ये किस्से और कहानियाँ
किसी के हिस्से आयी तो कोई
ताउम्र इनसे बेजार ही रहा-
27 APR AT 23:00
सुनो जिसे पाया नही जाता है जिंदगी भर
उसे किसी भी वजह से खोते थोडी़ है-
27 APR AT 22:49
इक उम्र गुजरी है खुद को संवारा मैनें और
यहाँ हर शख्स मुझमें खामियां तलाश रहा है-
25 APR AT 8:38
शिकायतें भी अब कहाँ रह गयी है तुमसे
जब तुमसे रिश्ता ही खत्म हो गया है-
20 APR AT 13:42
वो किस्से कहानियाँ जो रह जाती है
कभी भी महरूम तो
फिर उन्हें तमाम उम्र तक को
कोई सहारा नही मिलता है-
20 APR AT 13:42
वो किस्से कहानियाँ जो रह जाती है
कभी भी महरूम तो
फिर उन्हें तमाम उम्र तक को
कोई सहारा नही मिलता है-
18 APR AT 21:10
इक अरसे के बाद तो खुद को
हासिल हुए है हम
अब जमाना इसे नासमझी समझता है
तो फिर और बात है
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