जब सय्याद ने पर काट दिए
आसमाँ देखती रही अंदलीब।-
___शेर. 5 ___
बदकार, खाता कार, हूँ जैसा हूँ तेरा हूँ
मेहशर् मे मेरा रखना भरम सैय्यदे आलम
بدکار ، خطا کار، ہوں جیسا ہوں ترا ہوں
محشر میں مرا رکھنا بھرم سید عالم
____اویسی صاحب____-
बद से बदतर हमारे हालात होते जा रहे हैं
कल जो सितमगर थे आज सय्याद होते जा रहे हैं-
सब कुछ ठीक था पहले उस के बाद तुम आए,
पंछी आज़ाद था दिलका फ़िर सय्याद तुम आए.-
दुश्मनी निभाए जा मुझे अपना बना कर,
जान ले ले सय्याद मगर प्यार के साथ....
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Ek Khalish
si dil mai machal jaati hai
Rooh mere
tujhai jab be yaad karti hai
Dunya ki
nazru ka Khof nahi mujai
Kuch lamhai
bitanai hai Tere sath maloom hai baki Ki
mohabbat mai jaan Jaaati hai
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Tum dil mai usi pal
Sama gayai thai
Jab pahli hi nazar Aankhu
Mai bas gayai thai
Mohabbat mai dard hai Janta tha
Mohabat hi dard hai, tum Bichde
usi pal jaan gayai thai
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जो थे हबीब मेरे वही सैय्याद बन बैठे हैं,
नादानी को मेरे वो पाप समझ बैठे हैं..!!!-
सय्याद वही होगा
बस नया जाल होगा
कोई परिन्दा फिर फँसेगा
बुरा हाल होगा
जो कैफ़ियत आज है
कल भी रहेगी ऐ आलम
वक़्त गुज़रेगा
फ़िर नया साल होगा।-