एक ऐसी भी फ़िक्र आम है ज़माने में,
कोई अच्छा भी है तो अच्छा क्यूं है.-
Junaid Khan
(#Junaid_writes)
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"Welcome"
I won't ask for anything to anyone, do what ever ... read more
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Joined 27 August 2020
9 MAY AT 20:42
यूं ही नहीं कोई उम्मीदों का दिन डूबता जाता है,
सांसे बोझ लगने लगती है दिल ऊबता जाता है.-
24 APR AT 13:29
वो दास्तां जो कभी मुकम्मल नहीं होती,
वो हक़ीक़त में कोई दास्तां नहीं होती.-
30 JAN AT 20:18
कोई चेहरा याद है ना कोई सनम याद है,
हमको तो बस लौट आने की तेरी कसम याद है.-
10 NOV 2024 AT 17:21
क्या बात है कि तलब मिटती नहीं तुम्हारी,
तुम कैसा नशा हो की होश आने नहीं देता.-
12 JUL 2024 AT 21:20
बड़ा गुरूर होता है लोगों को दौलत का,
और एक दिन वही अज़ाब बन जाती है.-
9 JUL 2024 AT 23:05
मैने जो रिहा कर दिए थे दिल के पंछी,
सुना है अब वो यादों की कैद में रहते हैं.-