हां मुझे मेरी औक़ात से ज़्यादा नवाज़ा गया है
जिस क़ाबिल नहीं था उससे कहीं ज़्यादा मिला है
मेरे मौला की मुझपे इनायतें बेशुमार हैं
शुक्र है मौला कि मुझपे रहमतें बेशुमार हैं।-
कौन चाहता है भला घुट घुट के रहना ज़हर पीना
किरदार में जीने से बेहतर है हक़ीक़त में जीना
मनाए न गर कोई कभी तो उसका रूठ जाना बेहतर है
दिलों में दूरियां हो गर तो रिश्ता टूट जाना बेहतर है।-
मक़सदे ज़िन्दगी का क़याम अल-मुख़्तसर
विसाले यार उम्र तमाम अल-मुख़्तसर।-
जश्न आज़ादी का यूं ही मनाते रहेंगे
तराना वतन का सुनाते रहेंगे
जान देना है अपने वतन के लिए
हिंदोस्तान जैसे चमन के लिए
इसकी उल्फत के गीत गाते रहेंगे
जश्न आज़ादी का यूं ही मनाते रहेंगे।-
वतन के नाम पर जां निसार करने वालों को
हिंदोस्तान की हिफाज़त के लिए मरने वालों को
ये आलम सलाम करता है।-
एक पल में कैसे बदल जाते हैं लोग
रंग फिर कैसे कैसे दिखलाते हैं लोग
इस ज़माने की किसी बात का असर लेना नहीं है
चैनो सुकून किसी को भी अपना देना नहीं है
समझाते हैं ख़ुद को बहुत-
हमें देखकर तुम तड़पते रहोगे
हक़ीक़त में हमको पा ना सकोगे
तेरी राहों से यूं ही गुज़र जायेंगे हम
आवाज देकर बुला ना सकोगे।-
फिर से शुरू करें
सफ़र ज़िन्दगी का
बहुत दूर आने के बाद
ना वापस जाना मुमकिन है
ना आगे बढ़ने का रास्ता।
हम ठहर से गये हैं
और वो वक़्त की तरह बदलता
गुज़रता रहा।
हम बस यही सोचते रहे
फिर से शुरू करें
सफ़र ज़िन्दगी का...-
मौला हुसैन दिल को मेरे जिला दीजिए
अपनी यादों से इसको खिला दीजिए।
बहुत बेसहारा हूं मैं, ग़म का मारा हूं मैं
अपना बना लीजिए, ये करम कीजिए।-
बहोत कोशिशें की मुस्कराने की हमने
फिर भी आंखों में मेरी नमीं रह गई
आख़िर क्या कमी रह गई?-