।।मैं कौन हूं?
क्या है मेरी परिभाषा? ।।
।।क्या हूँ मैं कोई चीज
जो दान की जाती है
परायाधन कहकर बरसों
तक डर डर कर पाली जाती है ।।
।।क्या मैं अधूरी इबारत हूँ
जो किसी से जुड़ के मुकम्मल होती है
पत्नी, बेटी, बहु, माँ
क्या यही मेरी पहचान है ।।
।।मुझे बांध रखा है सदियों से
त्याग ,बलिदान , आदर्श
के दैवीय उपागमों से ,
दूसरी तरफ मुझे भोग की वस्तु बना दिया गया ।।
।।मैं ही क्यूँ लुटी जाऊँ
मैं ही क्यूँ जलाई जाऊँ
मैं ही क्यूँ त्यागी जाऊँ
मैं ही क्यूँ जहर पीलायी जाऊँ ।।
क्यूं मुझे मुझसा ना सोचा गया?
।।मैं नारी हूँ
ये शब्द नहीं पहचान है
एक सोच
एक समझ
एक स्वतंत्र अभिव्यक्ति की ।।
मुझे मेरा स्थान
मेरी पहचान चाहिए ।।-
---- आखिर कब तक ----
आखिर कब तक ?
लड़कियां खुद को ,
असुरक्षित महसूस करती रहेगी !
आखिर कब तक ?
मासूम लड़कियां ,
दरिंदों की हवस की शिकार बनती रहेगी !
आखिर कब तक ?
एक मां अपनी बेटी को ,
बाहर भेजने से डरती रहेगी !
सुनी सड़को में चलते वक्त ,
आखिर लड़कियां कब तक यही सोचती रहेगी,
" ना जाने कब सूनी सड़कों में "
जिस्म नोच खाने वाला ,
इंसानी दरिंदा उसे मिल जाए ।।।।
बकवास की राजनीतिक मुद्दों पे ,
सरकार लंबी-लंबी बहसें कर सकती है !
लेकिन इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा सकती ।
आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा ?
आए दिन किसी न किसी के ,
घर की इज्जत के साथ खिलवाड़ होता रहेगा ।
आखिर कब तक ?
सरकारें हाथ पर हाथ धरे तमाशा देखती रहेगी ।
आखिर कब तक ?
मां बाप अपनी बेटी को खोते रहेंगे !
आखिर कब तक ?
भाई की कलाई सुनी होती रहेगी ?
बलात्कारियों के हाथों अपने आत्म सम्मान को गंवा कर !
आखिर कब तक लड़कियां ,
जान अपनी देती रहेगी !
आखिर कब तक ?
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A women is Power
A Women Is strength
She can play the role of a Sister,mother,wife
She Can fly ,She Can Cure The patients,
She can play the role of Teacher,
Women Is Everything .
Respect her❤-
औरत से मोहोब्बत तोह बहोत
से लोग करते हैं,।
पर औरत को इज्जत बहोत
कम मर्द ही देते है।।-
औरत पर हाथ उठाने वाला इंसान नहीं हैवान होता हैं!
और किसी औरत पे हाथ उठाना गलती नही गुण होता हैं!
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if short skirts and low-cut blouses
are the reason for rapes,
why do women in hijabs and burqas still fear
going out alone on the streets at night?
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कान्हा तेरी गाय बचाए,
गोपी नोचे बन शैतान,
लूटे इज्ज़त बेटी की,
है कंस से बद्तर अब इंसान।-
तूने मुझे इस कदर धोका दिया
मदहोशी में मैने गुनाह किया
अब कारावास की सजा काट रही हूं
तेरी बेबफाई को दिन रात याद कर रही हूं
तेरे धोके बर्दाश्त कर रही हूं
तुझे अपने आप से आजाद का रही हूं-
शक्ल पर लिखा रहता है, मन की सूरत का हाल
लाख छुपाएं हम किसी से, दर्द छिपता ही नहीं है-