"चन्द लाइनें सच्चें रिश्तौं के नाम"
कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में
ये जिंदगी है यारों पल पल घटेगी..!
पाने को कुछ नहीं ले जाने को कुछ नहीं.
फिर भी क्यों चिंता करते हैं इससे सिर्फ खूबसूरती
घटेगी,ये जिंदगी है यारों पल पल घटेगी..!
बार बार रफ़ू करता रहता हूँ जिन्दगी की जेब..!
कम्बखत फिर भी,निकल जाते हैं.
खुशियों के कुछ लम्हें ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही..
ख़्वाहिशों का है ना तो किसी को गम चाहिए,
ना ही किसी को कम चाहिए खटखटाते रहिए
दरवाजा एक दूसरे के मन का मुलाकातें ना सही..
आहटें तो आती रहनी चाहिए उड़ जाएंगे एक दिन ...
तस्वीर से रंगों की तरह हम वक्त की टहनी पर..,
बैठे हैं परिंदों की तरह ना राज़ है "ज़िन्दगी",
ना नाराज़ है "ज़िन्दगी"बस जो है
वो आज है, ज़िन्दगी जीवन की किताबों पर,
बेशक शेखर नया कवर चढ़ाइये
पर बिखरे पन्नो को पहले प्यार से चिपकाईये..!!
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