Shekhar Sharma   (Shekhar Sharma)
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Joined 28 June 2019


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Joined 28 June 2019
17 APR 2022 AT 12:07

।।अजीब सी दौड़ भाग है ये जिंदगी
एक का दामन थामो, दूसरा छूट जायेगा।।
।।बड़ी तंगदिल है दुनिया, कुछ मांग ना बैठना ,
अपनी नजरों में शर्मिंदा हो जायेगा ।।
।।न डर कि जमाने से चोट बड़ी खायी है,
जब तराशा जायेगा, देवता बन जायेगा ।।
।।हाथ जोड़कर मांगना गवारा नहीं उसको
दिल जोड़कर देख, वो खुद खिंचा आयेगा ।।
।।बस यही बात जमाने की खटकती है 'शेखर'
किसी की अच्छाई पर वीरानी यारों
बुराई करो तो मजमा लग जायेगा ।।

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9 JUL 2021 AT 11:53

One of the best way to overcome
procrastination is for you to get
your mind off the huge task in
front of you and focus
On a single action that you can take.

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21 JUN 2021 AT 9:21

In Your Life
Many Issue Will Come
More issues come
in your life means you're
living a more active life
nothing came up
means you're Not living...!!

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17 MAY 2021 AT 12:12

INDIAN WOMEN !!

When she is young
She's dependent on her father
When she is married
She's dependent on her husband
When she is old
She's dependent on son
And don't want be like that
I want you to have independence
I want to you to be master of your destiny.

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11 MAY 2021 AT 11:38

"चन्द लाइनें सच्चें रिश्तौं के नाम"
कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में
ये जिंदगी है यारों पल पल घटेगी..!
पाने को कुछ नहीं ले जाने को कुछ नहीं.
फिर भी क्यों चिंता करते हैं इससे सिर्फ खूबसूरती
घटेगी,ये जिंदगी है यारों पल पल घटेगी..!
बार बार रफ़ू करता रहता हूँ जिन्दगी की जेब..!
कम्बखत फिर भी,निकल जाते हैं.
खुशियों के कुछ लम्हें ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही..
ख़्वाहिशों का है ना तो किसी को गम चाहिए,
ना ही किसी को कम चाहिए खटखटाते रहिए
दरवाजा एक दूसरे के मन का मुलाकातें ना सही..
आहटें तो आती रहनी चाहिए उड़ जाएंगे एक दिन ...
तस्वीर से रंगों की तरह हम वक्त की टहनी पर..,
बैठे हैं परिंदों की तरह ना राज़ है "ज़िन्दगी",
ना नाराज़ है "ज़िन्दगी"बस जो है
वो आज है, ज़िन्दगी जीवन की किताबों पर,
बेशक शेखर नया कवर चढ़ाइये
पर बिखरे पन्नो को पहले प्यार से चिपकाईये..!!

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17 AUG 2019 AT 20:13

।।मैं कौन हूं?
क्या है मेरी परिभाषा? ।।
।।क्या हूँ मैं कोई चीज
जो दान की जाती है
परायाधन कहकर बरसों
तक डर डर कर पाली जाती है ।।
।।क्या मैं अधूरी इबारत हूँ
जो किसी से जुड़ के मुकम्मल होती है
पत्नी, बेटी, बहु, माँ
क्या यही मेरी पहचान है ।।
।।मुझे बांध रखा है सदियों से
त्याग ,बलिदान , आदर्श
के दैवीय उपागमों से ,
दूसरी तरफ मुझे भोग की वस्तु बना दिया गया ।।
।।मैं ही क्यूँ लुटी जाऊँ
मैं ही क्यूँ जलाई जाऊँ
मैं ही क्यूँ त्यागी जाऊँ
मैं ही क्यूँ जहर पीलायी जाऊँ ।।
क्यूं मुझे मुझसा ना सोचा गया?
।।मैं नारी हूँ
ये शब्द नहीं पहचान है
एक सोच
एक समझ
एक स्वतंत्र अभिव्यक्ति की ।।
मुझे मेरा स्थान
मेरी पहचान चाहिए ।।

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29 MAY 2021 AT 10:31

शहरी चमक -दमक के अंधेरे कोनों में,
गंदगी के साथ पसरे जीवन के ढेर ।
अलसुबह से नारकीय जीवन जीते,
चौराहों पर जिंदगी का बाजार लगाते ।
बचपन के हाथों में कचरे की थैलियां,
नाकारी के बोझ तले बूढ़ी जवानी,
कोख में स्याह भविष्य लिए हाथ
पसारती ममता । कभी बेचे गये,
कभी लूटे गए,
कभी फुटपाथों पर कुचले गए ।
हमारे फिक्र की इंतिहा मुंह फेरने
या चंद सिक्के देकर
पीछा छुड़ाने भर की है।
इंसान बनने की कोशिश
शेखर अब इंसान से नहीं होती ।।

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29 APR 2021 AT 12:13

सणिक यौवन की चिरस्यायी लालसा कला
में ढुढती भोग विलासिता अंधेरे जीवन पर
उजाले वालो का विश्लेषण ।
में इस पर लिखूं
या लिखूं निवालो पर , जो के भूख के आगे बौने है।
बिना छत के आशियानो पर जो दिवार तलाशते है
लिखूं आदमी नुमां पिंजर पर
जो जीवन की परिभाषा में नहीं आते ।
लिखूं मत से हारने संघषौ पर ,
जो अपनो की लाचारी सह नहीं पाते ।।
लिखूं बहरे सत्ता के गलियारो पर ,
जो इंसानियत की आवाज़ सुन नहीं पाते उस पर
जो रोज मरता है ,खुद को स्वछ नागरिक कहता हैं ।
पर मृत्य तक निधन में रहता है ।।
पर अगर सच पे लिखूं तो यहाँ तो चाल चलते है ।
और अगर सच की जींदगी के भाव लिखूं तो
शेखर यहाँ भाव मुल्य में बिकते है।।

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23 APR 2021 AT 11:29

Your Karma Is Not In
What Is Happening To You ;
Your Karma Is In The Way Experience
And Respond To You What Is
Happening To You...!!

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17 APR 2021 AT 10:08

।।इक शौक है कि जीये जाते हैं
हर जख्म को तन्हा सीये जाते हैं
जानते हैं कि जहर है वफा जमाने में
आदतन ये जहर भी पीये जाते हैं ।।
।।खत का मजमून भी आइने सा था
हर लफ्ज़ तेरा दीदार किये जाते हैं
बड़ी तकलीफ में गुजरी है अकेली रातें
तन्हाई में चरागों से जले जाते हैं ।।
मैं नहीं तेरी बंदगी में
कि मुझे ना जोड़ जमाने से
मुझे काफिर ना कह
शेखर कि ये मेरा खुदा नही
है इश्क इबादत और तेरे
नाम पे सजदा किये जाते हैं ।।

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