ओस ❄
याद आऊंगा हमेशा मुलाकात हूँ मैं।
तुमको बिन बताये । तुम्हारे पास हूँ मैं।
ठंड जैसे आई तुम बरसात को भुल गये।
सर्द मौसम में ओस बनकर साथ रहूंगा बरसात हूँ मैं।-
मेरे कमरे की कोने वाली खिड़की
पर बैठी मैं कोहरे से ढकी सड़के
जहाँ मेरी कलम पन्नों पर तुम्हारे
नाम की पुकार लगाये जा रही है
वहीं वो सड़क जो तुम्हारे शहर को
मेरे शहर से जोड़ती है, तुम्हारी
आहटें सुन मेरी खिड़की पर
ओस की बूंदें भेज दस्तक दे रही हैं।
याद दिला रही है मुझे की ये सर्दियाँ
कुछ दिन में अब चली जायेंगी
ये सर्द मौसम वाली चाय की चुस्कियां
और ये कोहरे वाली सुबह अब
ज्यादा दिन नहीं ठहरने वाली
लेकिन लौट कर इन्हें आना है
हाँ थोड़ा वक़्त लेंगी पर आयेंगी जरूर,
और अगली बार तुम्हें साथ लेकर।
शर्द रातें, कोहरे वाली भोर और ओस की
बुन्दें और हाँ तुम - पसंद हो मुझे।-
साज़ बजता न कोई आहट है
ज़िन्दगी अजीब छटपटाहट है।
सर्द मौसम का सितम जारी है
ठण्डी हवा तेज़ सरसराहट है।
वो जो ख़ामोश सुनता रहता है
उसके मन में तिलमिलाहट है।
ख़ूबसूरत दिल ही नहीं मिलता
चेहरे पर तो बहुत सजावट है।
सारे रिश्ते यही कहने लगे अब
इनमें करते बड़ी मिलावट है।
शेर अच्छा कोई सुनाओ "रिया"
सारे दिन की हमें थकावट है।
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तुम !
सर्द मौसम की सुबह का
गर्माहट भरा ख़्वाब हो तुम !
मेरे जीने की आस हो तुम
कुछ नर्म एहसास हो तुम !-
Ek to ye barsaat
Or uspe
teri yaad...
Zalim ye sard mausam,
Or uspe
teri judaayi Ka gum...
Ye baarish ki bundein,
ye thandi hawaye...
Inhi se puchh lo
'@hmed'
Hum apni khabar
Tumko kaise
Bataye !!
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बर्फीली हवाएं कोहराम मचाया है।
हम चादर से नहीं निकलते कोई
बर्फ़ को चादर बनाया है।-
कि, मौसम सर्द है और चाय गर्म है...,
क्यों ना कुछ पकोड़े हो जाए....!!!-
तुम्हें अपनी ही राख में
खुद को जलना होगा
क्यू कि राख तो हम
ही पैदा करते हैं-
सर्द दोपहर में यू , नीरस से है पड़े हुये,
ख़्वाब जिंदा है और हम है जैसे मरे हुये!-
सर्द मौसम और ऊपर से इश्क़ मे है हम,
एक चाय और तुम, दोनों ही है हमारे हमदम.
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