बहुत है बचपना, है जवानी भी खूब,
इश्क़ की उम्र घटती, बढ़ती है रोज ही ।-
Ayman Jamal
(JAMAL)
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chale-chalo ki vo manzil abhi nahi'n aa.i (~Faiz)
Joined 10 November 2016
16 JAN AT 22:09
होता यूं तो क्या होता, क्या नहीं होता
इस फलसफे ने जाने कितनी आंखों को सपने दिए ।
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5 NOV 2020 AT 11:52
जिस्म बेचने वालों को, हिकारत की नज़र से देखते हैं
वो जो ख़ुद अपना ज़मीर बेचते हैं ।-
5 OCT 2020 AT 11:21
बहुत मायूस था दिन
रात बहुत उदास थी
उसने वादा किया नही तो क्या
हमे आमद की उम्मीद तो थी ।-
21 SEP 2020 AT 19:08
तुम उमदा शागिर्द हो सबक बहुत तेज़ याद करते हो
हम उमदा शायर हैं सबक बहुत रोज़ याद रखते हैं ।-
21 SEP 2020 AT 1:37
हमने सीखा है दरिया से इश्क़ का हुनर
एहसास ए लम्स से तुम और निखर जाओगे ।-
20 SEP 2020 AT 0:51
ठहरा रहता है वक़्त अब आइने पर धूल की परत जैसे
ना वक़्त कहीं उड़ता है ना चेहरे साफ दिखते हैं ।-