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क्या बताऊं कैसी वो लगती है
ना सितारों में उस जैसी बात है,
ना चांदनी उस जैसी दिखती है,
ना घटाएँ उसके जुल्फ़ों सी उमड़ती हैं,
ना चमेली उस जैसी महकती है।
ना फ़िज़ाओं में रंग उस जैसा मिलता है,
ना हवाओं में वो नशा सा सिलसिला बहता है,
ना बूंदों में उस सा एहसास रहता है,
ना लहरों में वो ठहराव दिखता है।-
प्रिय अब तक आए नहीं, न जाने कहाँ रह गए,
रात की चाँदनी भी पूछे वो कदम कहाँ रह गए।
दीए थक गए जलते जलते, हवाओं ने भी कहा,
"तेरे बिना ये उजाले तो बस गुमाँ रह गए।"
घड़ी की सुइयाँ ठहर सी गईं तेरे इंतज़ार में,
जैसे वक्त के पाँव किसी ख्वाब में बह गए।
ख़त लिखे थे हवाओं से "कहो उनसे आ जाएँ",
पर वो भी तेरे शहर के रस्ते में थम गए।
दिल ने सौ बार समझाया "अब लौट चलो",
पर कदम तेरी यादों की दहलीज़ पे रह गए।
प्रिय अब तक आए नहीं, मगर एहसास वही है,
जो तुझसे जुड़कर रूह में जैसे लिपट गए...-
वह देखती है
गली के उस मोड़ तक
जहाँ प्रतीक्षा का कोई नाम नहीं,
बस हवा में घुलती धूल की तरह
एक अधूरा “अगर” तैरता है।-
तेरे लौट आने की उम्मीद में
हर दरवाजा खुला रखा
देहरी पर रंगोली बुनी
कभी चाय लिए बैठी रही
कभी खिड़कियां खोले रही
हर आहट पर नजर उठी
हर सन्नाटा सहम उठा
मोहब्बत आसान लगी थी
निभाना जिंदगी से नागवारी लगी-
मुस्कुराहट ख़ुदा की नेमत है ,
बिखेरते रहिये इसे फिज़ाओं में ,
ये एक ऐसी दवा है दुनिया में ,
जो हर आहत दिल को राहत देती है ।...-
I often picture a day
Of you waiting for me
With all that defines your love…-
लाख कोशिशों के बाद भी दिल से हमें उतारा नहीं..
जान भी ले गए और जान से मारा भी नहीं..!-