ऐसा लगता है जैसे मोहब्बत और रिश्तों में लोग कभी लालच से ख़ाली नहीं होते,
चाहे तुमने हज़ार बार दिल से वक्त दिया हो,
मगर उन्हें बस वही लम्हा क़ीमती लगता है,
जब उन्होंने चाहा
वरना तुम्हारा दिया हुआ हर पल भी बेवजह ठहर जाता है।-
✨ I don’t ju... read more
क्या है आँखों में?
सिर्फ़ प्रतिबिंब नहीं, बल्कि समय की हर ठहरी साँस की कहानी है,
जो चाहत और ख्वाबों के जाल में उलझकर भी सच्चाई की ओर इशारा करती है।
ये वे दरिया हैं, जहाँ हमारे भीतर की बेचैनियाँ और उम्मीदें आपस में मिलती हैं,
और हर बार जब हम उन्हें पढ़ते हैं, तो हमें खुद से, दूसरों से, और दुनिया से नई समझ मिलती है।
अख़िरी कतरा भी झूठ नहीं, क्योंकि आँखें उस अनकहे प्रेम और अनुभव का आईना हैं, जिसे शब्द बाँ-
तू मैं और चाय की गर्माहट... सुना है कि
मोहब्बत अक्सर साधारण लम्हों में जन्म लेती है,
जहाँ न कोई इज़हार होता है न कोई गवाह।
तेरी आँखों में जो मुस्कुराहट ठहरी है,
वो मेरी रूह की तन्हाइयों को पनाह देती है।-
The silence
it is not absence,
it is thunder chained beneath my ribs,
it is the ocean refusing to break its waves,
it is love so fierce it cannot speak,
for language would betray its rawness.-
वह कोई शब्द नहीं,
न ही अधूरी ख्वाहिशों की परछाई,
बल्कि एक समंदर है
जिसकी लहरें सिर्फ़ तुम्हारे नाम से किनारा ढूँढती हैं।
तुम्हारी नज़रों से टकराते ही
यह समंदर हलचल में आ जाता है,
मानो तारे गिरकर
मेरी पलकों पर बसेरा कर रहे हों।-
उनकी आँखें ऐसे मानो दो नक्शे हों
जिनमें खोकर मैं अपनी पहचान का शहर ढूँढता हूँ और पाता नहीं
हर बार एक नया रास्ता उभर आता है,
और मैं, चलते-चलते, कोई पुराना नक्शा जला कर राख में नया मन बनाता हूँ।
उनकी हँसी किसी टूटते तारे की तरह आती है
छूटती हुई-सी, पर जो गुजरते ही आसमान को फिर से संवार दे।
वो मुस्कान जिस मौके पर मुस्कुरा दे, घड़ी भी अपना समय बदल लेती है
दुनिया की चोटें कुछ देर के लिए मरहम पर जाती हैं।-
फूल की तरह वह भी नाज़ुक है,
पर नाज़ुक होना कमज़ोरी नहीं
यह एक तरह की सचेतता है..
जिसमें हरेक पंखुड़ी के भीतर एक इतिहास,
एक लय, और एक उम्मीद छुपी होती है
फूल मिट्टी से जुड़ा होता है,
और इंसान अपने रुतबे, अपनी परवरिश,
अपनी यादों से; किन्तु दोनों का अस्तित्व एक ही नियम से चलता है
जिन चीज़ों ने उन्हें उगाया,
वही किसी दिन उन्हें झुका भी सकती हैं।-
वक़्त एक सफ़र है जिसमें हम ट्रेन नहीं, अपनी खामोशियाँ ले जा रहे हैं,
हर स्टेशन् पर कुछ यादें उतर आती हैं और कुछ नए चेहरे चढ़ आते हैं पर टिकट पे सिर्फ़ तारीख़ लिखी रहती है।
मौत एक मूरत नहीं, एक दरवाज़ा है जिसे हर कोई अपनी चाबी समझकर खोलना चाहता है, मगर चाबी कभी मिलती नहीं।-
अतीत नदी-सा पत्थर है जिस पर वर्तमान की बूँदें गीत लिखती हैं भविष्य उस नदी का अनाम अफीम-सागर।
दर्पण में दरारें दिखाती हैं कि मैं कई लोगों का मिलाजुला चेहरा हूँ मास्क, पर छल्ले भी।
मौन का संगीत सुनो वह आवाज़ जो शोर में भी तुम्हें तुम्हारे नाम से पुकारती है।
परिवर्तन पतझड़ की तरह है: पत्तियाँ गिरीं तो बीज भीतर से मुस्कुराने लगे।-
We traded hearts for digits,
love now measured in
blue ticks and missed calls.
A number saved feels like a bond,
yet silence between..
lines screams louder
connection exists,
but closeness is lost.-