ये बाद-ए-हश्र की तैयारियां ही तो चल रही है,
बेशक़ गला ख़ुश्क है लेकिन रूह तर हो रही है !!
یہ بعد حشر کی تیاریاں ہیں تو چل رہی ہے..
بےشک گلا خشک ہے لیکن روح تر ہو رہی ہے !!-
Roza rakhne ke liye takat ki nhi
Niyat ki jaroorat hoti hai
Ramadan Mubarak-
Duniya NE jis cheez k liye khouf dikhaya...
Allah ne use Ibadat bana diya...
Bhookh Pyas...-
नन्हे बच्चों ने भी देख तेरी बारगाह मे दुआ मे हाथ उठाया है,
अल्लाह राज़ी हो जा रमज़ान अलविदा के मुक़ाम पे आया है।
ننہے بچوں نے بھی دیکھ تیری بارگاہ مے دعا میں ہاتھ اٹھایا ہے،
الله اب تو راضی ہو جا رمضان الوداع کے مقام پہ آیا ہے!!-
हर किसी को मयस्सर लज़्जत-ए-सहरी-व-इफ्तार कहां,
कुछ ऐसे है जिनका मग़रिब बाद भी रोज़ा होता है यहां।
ہر کسی کو میسر لذت ے سیری و افتار کہاں،
کچھ ایسے ہے جنکا مغرب بعد بھی روزہ ہوتا ہے یہاں!!-
न शिद्दत से इस गर्मी की, न डरेंगे भूख प्यास से,
हम सब रखेंगे रोज़ा, तेरी रज़ा पाने की आस से।
कि पिछली रात इबादत की, सारी रात न सोए थे,
जाने कितनों ने सजदों में, अपने नैन भिगोए थे।
उन टूटी फूटी दुआओं की लाज तू रख लेे मेरे खालिक,
मुश्किल में है दुनिया सारी, सब परेशान हैं, ए मालिक।
दिल सबके बेचैन हैं, रूह भी रोई रोई सी है,
उदास उदास चेहरे हैं, ख़ुशी खोई खोई सी है।
माफ़ कर दे या रब, फिर से कर दे सब आबाद,
कि तेरे रोज़ेदार बन्दे, तुझसे करते हैं फरियाद।
नज़रो करम कर दे मेरे ख़ुदा, बस एक इशारा कर दे,
डूब रही है सबकी कश्ती, तू अब पार किनारा कर दे।-
ये भूख, ये प्यास, रोज़े की शिद्दत, अल्लाह तेरा शुकराना,
नमाज़-ए-ईशा पढ़ कर सोना, ख्वाब में जन्नत दिख आना।-
खुदा की इबादत का पाक महीना है रमजान,
इन शेर और शायरियों से
अपनों को भेजें मुबारकबाद 🌟🌙-
गमों पर ऐसे सब्र कर लिया , जैसे की मेरा रोजा हो
तसल्ली इस बात की है की मगरिब की अजाँ तो होगी ही-