मेरे लोगों पर से उठते हुए
एतबार की हद तो देखो तुम,
मैने हक के साथ इस बार
किसी से मिठाई तक नहीं मांगी..-
ɪ'ᴍ ᴀ ɢɪʀʟ, sᴏ ɪ'ᴍ ᴀʟʟᴏᴡᴇᴅ ᴛᴏ ʙᴇ ᴄᴏᴍᴘʟɪᴄᴀᴛᴇᴅ ᴡɪᴛʜᴏᴜᴛ ᴀɴʏ ᴇxᴘʟᴀɴᴀᴛɪᴏɴ... read more
हमारे आंसुओं का भी
असर तुम पर नहीं होगा
कभी सोचा नहीं था यूं
कि तुम ऐसे भी बदलोगे-
दुश्मनी के नशे में, कुछ जान नहीं रहे,
क्या सही है क्या गलत, पहचान नही रहे,
ख़ुद अपने हाथों काट रहे हैं गर्दन अपनों की,,
या खुदा ! तेरे बन्दे, अब इंसान नही रहे...— % &-
अजीब दोहराओं पर लाकर खड़ा कर रही है
ये ज़िन्दगी वक़्त से पहले मुझे बड़ा कर रही है...— % &-
आज तन्हाई में "सदफ" मुझसे ये सवाल कर बैठी,
आख़िर किसके लिए तू अपना ये हाल कर बैठी....— % &-
खड़े थे किसी छोर पर,
एक दरिया के संग बह गए..
सितम किए ज़िंदगी ने कई,
और हम हंसते-हंसते सह गए।-
ये आशीर्वाद मिले जग को, मोहन सब पर उपकार करे,
कोई कान्हा जैसी प्रीत लगाए, कोई राधा जैसा प्यार करे..
कि प्रेम में लिपटी बोली हो, न जलन हो न कोई बैर यहां,
गले लगाकर दुश्मन को, दूर नफरत ये सारा संसार करे..
हो मुरलीधर की कृपा यूं, फिर से ज़िंदगी खुशहाल बने,
न माई की आंख में आंसू हो, न भाई भाई पर वार करे..
माखन मेरे वीर रहीम का हो, बांसुरी बजाए यार अमन,
हम मिलकर जन्माष्टमी मनाएं, और राधा का श्रृंगार करे..
छोटी सी तमन्ना है दिल की, हो तन से परे भी प्रेम "सदफ"
हो अमर कथा राधाकृष्ण सी, गर इश्क जो तू इस बार करे..
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Nibha lo to sab kuch hai
Varna kuch nhi hai ..
( Read caption )-
चल रही सांसों की वजह है तू ,
कुछ भी नही है ये कैसे कह दूं ।-
Let's start "Jugalbandi"
कुछ तुम पेश करो, कुछ हम सुनाएं साज़..
कुछ दिल की कहो तुम, कुछ हम बताएं राज़..
ख़त्म करते हुए अब सबका इंतज़ार,
करते हैं हम अब इस महफिल का आगाज़..
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