QUOTES ON #ROKTOK

#roktok quotes

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27 JUL 2019 AT 13:40

ये मत करो वो मत करो ऐसा बोलने वालों तुम्हारे दिमाग में मोच हैं
लड़कियों के कपड़ों से छोटी तो तुम्हारी खुद की सोच है...

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27 MAR 2020 AT 19:28

नारी जीवन,
बचपन से ही इतनी रोक -टोक,
हमारा दर्द क्यों नहीं समझते ये लोग,
हमेशा करना पड़ता दूसरे के मन का,
फिर भी उनको ख्याल नहीं हमारे तन का,
ये रोज एक नई बात बताएंगे,
कभी बाहर जाने से रोक लगाएंगे,
तो कभी अपनी हद में रहना सिखाएंगे,
जब कुछ बुरा होगा तो हमें ही सताएंगे,
ये लोग ही हमें जीते जी मरना सिखाएंगे,
और हर गलत बात पर हमें ही तड़पाएंगे,
ये कैसी चिंता है इन लोगों की समझ नहीं आती,
जो हमारे जीवन के लिए बन जाती फांसी,
अगर हो तुम भी इंसान; तो फिर तुम्हें अपनी इन
हरकतों पर शर्म क्यों नहीं आती,
इन सभी कारणों से हमारे चहेरे की हंसी कहीं खो
सी जाती।।

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24 SEP 2019 AT 12:18

वो सुनता नहीं है बात मेरी,
हर बात में टोक देता है
जब कहने लगूँ कुछ दिल का तो,
"ज्यादा ज्ञान मत दे" कहके रोक देता है !!

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17 AUG 2024 AT 19:13

बस लड़की हूं ना तो
रोक-टोक को परिवार का
प्रेम समझ कर (Accept)
कर लिया करतीं हूं।

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23 MAR 2021 AT 17:42

मास्क लगा कर दो महीने में थक गया वो आदमी
जो कहता था औरत को हमेशा पर्दे में रहना चाहिए

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2 DEC 2019 AT 20:24

मां की रोक-टोक अक्सर हमें बुरी लगती हें....... जल्दी आना.....
देर रात घर से बाहर मत रहना...
बो मां की रोक टोंक अक्सर बुरी लगती है......
अजनबी लोगो से बात मत करना .....
अकेले कहीं नहीं जाना.......
अरे उससे रोक-टोक में उसकी फिक्र रहती है
क्योंकि इस दुनिया के बारे में उससे हम से ज्यादा मालूम है........
बो रोक-टोक से अपनी परियों को शैतानों से बचाना चाहती है ......... अक्सर हमें मां की रोक-टोक बुरी लगती है

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3 NOV 2020 AT 2:14

हा बेइंतेहा बेपनाह मोहब्बत है उनसे,
जमाना रोक ले इस दिल्लगी को,
इतना उनमें आगोश और जोश नहीं।

हा हर बात और मुलाक़ात है उनसे,
ताउम्र साथ निभाने का वादा किया है,
इसमें कोई डर और कोई संकोच नहीं।।

हा एक संग रहने की कसमें है हमारी,
दस्तूर जमाने का कोई रंग नहीं,
रिश्ते में मै और तुम हो,
दुनिया के बाहरी तमाम लोग नहीं।।


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9 APR 2020 AT 0:28

"समाज"
समाज से जुड़ी कड़ी को पहचाना हमने !
फिर भी क्यों बेतुकी सी बातों को माना हमने !
बुराईयां तो है भर भर के चारों तरफ फैली हुई....
फिर भी कई दक्यानुशी बातों को सुना हमने !
कुरीतियों को मिलता है बढ़ावा सबकी तरफ से...
पढ़े लिखे होकर भी सच क्यों नहीं जाना हमने !
ये ना करना,वो ना करना ,तुम बेटा हो तुम बेटी हो
इन सब के चक्कर में खुद को नहीं पहचाना हमने !
कभी धर्म कभी जाति ,कभी रंगो से भेदभाव....
अल्लाह ,भगवान एक है ,क्यों एक नहीं माना हमने !
सबके मन में बैर सबके लिए,डर खुद के नीचे होने का
झूठी शान - शौकत के लिए क्यों लड़ते है आपस में....
सुख दुख में क्यों नहीं भाईचारा अपनाया हमने !
अगर सब मानते हो अपने आप को बलशाली...
तो क्यों नहीं मुसीबत से कमज़ोरो को बचाया हमने !

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4 JAN 2021 AT 21:57

तुम हर बार पूछते हो की हम शिकायत क्यों नहीं करते,
एक बात कहूं तुमसे।
ज़रूरी नहीं की शिकायत शब्दों से की जाए,
कुछ शिकायते हमारी चुप्पी से भी समझ लिया करो ।

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2 AUG 2020 AT 17:44

हां भाड़ में जा तू
तू और तेरे सोने का पिंजरा।

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