तुम्हारी मुस्कुराहट के आगे हुए जवाब भी फीके, एक तुम्हारे रुआब के आगे हुए नवाब भी फीके, जिंदगी तुम्हारी खुशबू से महक उठी है जानी! तुम्हारे मुखड़े के आगे हुए सारे गुलाब भी फीके।।
सिवाए तुम्हारी राहों के सारी गलियां पतली है, ख्वाब जो तुमसे जोड़े वो सारी रात असली है, तेरे आने से जिंदगी किसी जहान से कम नहीं, तुम खुद एक फूल हो बाकी गुलाब ही नकली है!!
जो लफ्ज़ कम पड़ जाए तो हाल ए दिल बयां हो तुम, मैं सजदा उसके आगे जो करू तो दुआ हो तुम, तुम्हारी तारीफ तो ऊपर दो लाइन में करदी, मगर चुड़ैल, बतमीज, बेअकल और बेहाया हो तुम।।
तू मना करदे तो जाम का एक घूंट भी न पीयू, जो तू बंधन तोड़ ले तो एक धागा भी न सीयू, दीवानगी नही! तुझसे मोहब्बत ही कुछ ऐसी है, कसम से तेरे बगैर तो मैं एक दिन न जीयू ।।
न जाने कितनी मन्नतों का हिसाब हो तुम, कितनी रातों में बीते मेरे वो ख्वाब हो तुम, हैसियत नही मुझ में की चांद के मुखड़े से तौल दू, खुदा कसम बेमिसाल और लाज़वाब हो तुम।।
तुम्हारी धड़कनों में गुमशुदा होकर सारी बातें सुनूं, एक ऐसी राह में जहा कोई धुन और बाजा न हो, महफिल मयखानों की तलब नही है मुझे, बस ऐसी जगह चलो जहा कोई खिड़की दरवाजा न हो!!
अपने चांद से मुखड़े को वो छुप छुप कर देखते थे, अपनी महबूबा को वो मुड़ मुड़ कर देखते थे, आज टूट गया वो कांच का दिल तो बचकर चले, कल तक वो आइना था तो रुक रुक कर देखते थे!!
खैरियत जो तुम पूछो तो मैं बेहाल कहा, जवाब जो तुम बनो तो फिर सवाल कहा, रफ्ता रफ्ता मैं तुझको मन्नतो में मांग लू, जानी!वो एक बार में मिल जाए तो मलाल कहा।
क़िस्मत के फरिश्तों को मैंने भी बदलते देखा है, उस रात अचानक से ख़्वाब बदलते देखा है, तुम दुनिया की बात करते हो यारा! मैने अपने ही दोस्तो को नक़ाब बदलते देखा है