कल कोई सहयोग में था,
कल कोई विरोध में था...
कौन किसान, कौन जवान,
दिन भर मैं इस सोच में था...
आंदोलन करते हुड़दंग कर गया,
न जाने कौन है वो किस होश में था...
वादे सरकार न किए और किसानों ने भी ,
पर वादों का टूटना दोनो ओर से था...
जय जवान, जय किसान का नारा,
कल बहुत अफसोस में था
कल देखा था मैंने तिरंगे को,
वो तिरंगा जैसे शोक में था...
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