मौसम इतना गर्म हो चुका है के,
कुछ लोग अपना घर जला बैठेंगे...-
Corporate Banker by profession.
Technically, Not a poet or writer.
बचा के रखता हूँ मैं अपने आँसू इसलिए
के कल फिर किसी की मौत की ख़बर आनी है..-
पहले लिखता था तो लोग शरमा जाते थे,
अब लिखूंगा तो वे लोग शर्मिंदा होने लगेंगे...-
तेरा यूँ रूख़सत हो जाना कोई राहत की बात नहीं थी,
मगर शायरी को कुछ लोग और भी बूढ़ा समझने लगेंगे..-
आईने खत्म हो रहें हैं दुनिया में आजकल,
खर्च करने वाले अब इंसान ही ख़रीद लेते हैं...-
अब नहीं सुनूँगा मैं दलीलें मंदिरों और मस्ज़िदों की,
एक बीमारी ही क़ाफी है लोगों की औक़ात दिखाने को..-
पता है हमारा रिश्ता बेहतर कब हुआ?
जब से मुझे तुम्हारे सफेद बाल दिखने लगे..-
चलो इश्क़ की एक नई कहानी लिखते हैं
अरसा हुआ तुमसे कोई किताब नहीं मांगी..-