QUOTES ON #RAJASTHAN

#rajasthan quotes

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17 DEC 2019 AT 19:23

राजस्थानी 💗

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इति सूनी ना जावन्ति बीती गौर म्हारी
बेरूता ना मुरझावन्ति, फुलां री क्यारी
रात आला जुजला, संग संग न रोवन्ता
बिन बतलाया मोर, मांझल न सोवन्ता
हिवड़े री न उधड़ती रे जिलतां

साजण जी जे थे ना मिलता
साजण जी जे थे ना मिलता।।

भरी रेव भीड़, म्हारे आले दुआले
पण थारे बिना, हिये ने कुण भावे
चालती आ बेरण बयार, पीड़ जगावे
आँख्यां रो काजळ, गाला संग बतलावे
होंठ म्हारा बिन बोल्या, इयाँ न सिलता

साजण जी जे थे ना मिलता
साजण जी जे थे ना मिलता।।

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मेंं तौ करुं हूँ दिन रात मेहनत ,
कद कुण कौ टेम आई
बौ तौ साँवरौ जान्यै.......

मेंं तौ म्हारा हक कि चाहूँ ,
कुण न्हें किती रोटी मिळसी
बौ तौ साँवरौ जान्यै......

मेंं तौ करम करूं ,
धुळ करूं के भाणी
बौ तौ साँवरौ जान्यै......

मेंं राजी राजी बतळ्या ळ्युँ ,
कांई ठा कद सीमठ ज्ये आ जिन्दगानी
बौ तौ सांवरौ ही जान्यै ।

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2 FEB 2019 AT 18:33

राजस्थानी भासा जकै जकै रै पलै पड़े बो ही कॉमेंट करया ।
ठा तो पड़ै किताक राजस्थानी है Yourquote माथै ।

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2 JUN 2021 AT 15:46

मेरे शहर की मिट्टी विकास और संस्कृति दोनों को दर्शाते है...
आज आपको नये कोटा और पुराने कोटा दोनों से रूबरू करवाते है...
एक तरफ़ नई इमारतें तो दूसरी ओर अभेड़ा महल और गढ़ पैलेस, म्यूजियम दिख जाते है
एक तरफ़ चम्बल तो दूसरी ओर प्राचीन बावड़ियां और तालाब मन को लुभाते हैं
एक तरफ़ शैक्षणिक नगरी तो दूसरी और Hostels विघार्थियों को बाहें खोल कर गले लगाते हैं
एक तरफ़ चाय की टपरी तो दूसरी ओर Hotel's मेहमानों के स्वागत में लग जाते हैं
एक तरफ़ जगमन्दिर तो दूसरी ओर सेवन वंडर्स कोटा की खुबसूरती में चार चांद लगाते हैं
एक तरफ़ हैंगिंग ब्रिज तो दूसरी ओर सूरजपोल और कैथूनीपोल के दरवाजे शहर की शोभा बढ़ाते हैं
एक तरफ़ कोटा बैराज तो दूसरी ओर चम्बल गार्डन गणेश उघान की खुबसूरती में लोग खो जाते हैं
एक तरफ़ City Mall, V~Mart दूसरी ओर खड़े गणेश जी गोदावरी धाम में लोग साथ आरती गाते हैं
एक तरफ़ कंसुआ महादेव करणी माता दूसरी ओर घटोत्कच्छ सर्किल जू आकर्षण का केंद्र माने जाते हैं
एक तरफ़ कोटा की कचौरी व कोटा डोरिया साड़ी दूसरी ओर कोटा का दशहरा देखने दूर-दूर से लोग आते हैं
एक तरफ़ सर्किल हाड़ी रानी महाराणा प्रताप दूसरी ओर शहीदी स्मारक बलिदान की याद दिलाते हैं
एक तरफ कोटा की हवा दूसरी ओर चम्बल का पानी हमें अपनेपन का महत्व सिखाते हैं

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शीश झुकाणने आयो हुँ, तने राजस्थान री माटी।
राणा रो वीर मेवाड़ अठे, और सेठां री शेखावाटी।

अरावल रा डोंगर अठे, धरती है सूखा धोरा री।
गाथा अठे ही सुनावी जावे, वीर बादल गोरा री।

रंग रंगीलो देश है म्हारो, सै रंग है म्हारा वेश मां।
करस्या थांकी आवभगत, पधारों म्हारा देश मां।

बाजरी री रोटी सागे , सुगंधि सांगरी रे साग री।
गाथा गूँजे चेतक री कुर्बानी और पन्ना रे त्याग री।

वीर प्रताप स्वमान खातिर,प्राण अठे गवाया हा।
स्वामिभक्ति री मिसाल बन,दुर्गा अठे धवाया हा।

शीश झुकाणने आयो हुँ ,तने राजस्थान री माटी
राणा रो वीर मेवाड़ अठे, और सेठां री शेखावाटी।

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19 JAN 2021 AT 20:05

आंखें जैसे काली रात म चमकता सितारा
नाक म लुंग कोहिनूर सा लगे प्यारा

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20 SEP 2018 AT 0:02

रो भेद न जाणियों जी
हूणों सगळा एक जाट हो धौळीयों जी
लीलण असवारी र पेमल वांकी गंवरजा जी
नागां रै सागे पुजीजे जे नाम हैं वांको तेजाजी

🚩 अनुशीर्षक 🚩

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नशो

क्यूं करो थे नशों,
क्यूं थे इण मायं बशों,
मा बाप थां सूं गणी आश लगाई,
छोड़ दो इणने इणरे माएं थांकी भलाई,
इणरे कारण रोज़ लड़े धणी अर लुगाई,
ओ नशों गणा घरां माएं आग लगाई,
नशा रा हालात अठे ईष्या है,
नशो बे नी करे जकाँ कने पिस्या है,
हेंग दिन तो तावड़े में कमावे,
शामरा 35 वाळो खाटियो पी'र आवे,
पिये जणे तो गणो मजो आवे,
पछे एक पग मारवाड़ दूजो मेवाड़ जावे,
पियां पछे खुद रा घर री पोळ खोल देवे,
बेने शुद नी रेवे हंगे ज्यूँ ई बोल देवे,
केवे लुगाई,
बापू कठे तू म्हाने परणाई,
एक तो दारूढ़ियो है धणी,
दूजी कमाई नी करे गणी,
"पारासरिया" रो तो भायां ओई केवणो है,
नशों थे छोड़ दो अगर जग में जीवणो है।

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4 SEP 2020 AT 18:05

कोई भीग रहा है बारिश में,
कोई डूब रहा है बारिश में,

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