सर्वत्र द्वंद्व चल रहा है
एक देश का दूसरे देश से
धर्म का दूसरे पंथ से
एक भाषी का अन्य भाषी से
एक जाती का दूसरे जाती से
एक राज्य का दूसरे राज्य से
मेरा मेरे मन से
-
Trilok Chand Nai
(© Sain Sahab)
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Hindu
हँस के पिलाओगे तो हलाहल भी पी लेंगे
आँख दिखाकर पिलाना चाहो तो पीयूष भी मंजूर नही
हलाहल... read more
हँस के पिलाओगे तो हलाहल भी पी लेंगे
आँख दिखाकर पिलाना चाहो तो पीयूष भी मंजूर नही
हलाहल... read more
Joined 4 June 2018
27 SEP AT 11:05
24 JUL AT 22:06
सगळा सरकारी कामा की फिक्स रेट हैं ।
बाकी सगळा कूड़ा है ईमानदार खाली बिरजो मेट है ।।-
21 JUN AT 22:14
एक'र उपाड्या पाछे
गाछ पाछो को लागे ।
राम जी रो दियोडो सो की हैं
पण थारे बिना आछो को लागे ।।-
15 JUN AT 12:13
सफलताओं पर तो भीड़ लगेगी
सफलताओं पर तो भीड़ लगेगी
असफलताओं पर जो साथ खड़ा है वहीं तेरा है-
15 JUN AT 0:18
तुम पास नहीं हो , मै तुम्हारी यादों में खो जाऊ ।
तुम मेरी लिए भूखी रहो , ओर मै कैसे सो जाऊ ।।-
6 JUN AT 14:10
भटकाव भी जरूरी है
भटकाव से नए मिलते है रास्ते
कुछ नया किये बिना जिंदगी अधूरी है
-
6 JUN AT 13:48
हूं लिख द्यु थारी
हथैळया माथै प्रेम रो गीत ।
पीहर रो तो छोड़ तावडो
सासरे री छिया करा' प्रीत ।।-
6 JUN AT 9:42
छिड़क दह महारे माथे।
कर दह रातों पिळो लिलो
रंग ज्या तू भी महारे साथै ।।-
5 JUN AT 22:17
अब सताना बंद कर दे ।
दुखो के कांटो को समेट ले
सुखों के फूलों से झोली भर दे ।।-