एक'र उपाड्या पाछे
गाछ पाछो को लागे ।
राम जी रो दियोडो सो की हैं
पण थारे बिना आछो को लागे ।।-
Trilok Chand Nai
(© Sain Sahab)
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Hindu
हँस के पिलाओगे तो हलाहल भी पी लेंगे
आँख दिखाकर पिलाना चाहो तो पीयूष भी मंजूर नही
हलाहल... read more
हँस के पिलाओगे तो हलाहल भी पी लेंगे
आँख दिखाकर पिलाना चाहो तो पीयूष भी मंजूर नही
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Joined 4 June 2018
21 JUN AT 22:14
15 JUN AT 12:13
सफलताओं पर तो भीड़ लगेगी
सफलताओं पर तो भीड़ लगेगी
असफलताओं पर जो साथ खड़ा है वहीं तेरा है-
15 JUN AT 0:18
तुम पास नहीं हो , मै तुम्हारी यादों में खो जाऊ ।
तुम मेरी लिए भूखी रहो , ओर मै कैसे सो जाऊ ।।-
6 JUN AT 14:10
भटकाव भी जरूरी है
भटकाव से नए मिलते है रास्ते
कुछ नया किये बिना जिंदगी अधूरी है
-
6 JUN AT 13:48
हूं लिख द्यु थारी
हथैळया माथै प्रेम रो गीत ।
पीहर रो तो छोड़ तावडो
सासरे री छिया करा' प्रीत ।।-
6 JUN AT 9:42
छिड़क दह महारे माथे।
कर दह रातों पिळो लिलो
रंग ज्या तू भी महारे साथै ।।-
5 JUN AT 22:17
अब सताना बंद कर दे ।
दुखो के कांटो को समेट ले
सुखों के फूलों से झोली भर दे ।।-
4 JUN AT 15:56
तुम्हे
नज़र न लग जाए कहीं।
बुरका छोड़
कम से कम घूंघट निकाल तो सही ।।-