जिसकी चमक अंधा कर दें, हमें वो आफ़ताब नहीं बनना
जिसे हर पल तोड़ा जाए, हमें वो ख़्वाब नहीं बनना...
बड़ी-बड़ी बातों के किस्से, हमनें भी सुनें हैं बहुत
सच्चाई से ना जुड़े जिसके आंकड़े, हमें वो हिसाब नहीं बनना...
पैग़ाम आते जाते और टकराते, हमने भी देखें हैं बहुत
किनारे पर पहुंच जो दम तोड़ दें, हमें वो ज़वाब नहीं बनना...
रूह से परेह, जिस्मों का मैयखाना भी चलता है यहां
जिसे हर कोई पी जाएं, हमें वो शराब नहीं बनना...
मोहब्बत की दास्तां, शौक़ से पढ़ते हैं लोग यहां
जिसे अधूरा पढ़ छोड़ दिया जाएं, हमें वो किताब नहीं बनना...
जिस्मों के सौदे होते हैं, बिस्तर की सिलवटें बयां करती है
जो Oyo तक लें जाएं, मोहब्बत में हमें इतना कामयाब नहीं बनना...
कभी इज़हार ए इश्क़ हमसे, कभी कुचल देते हैं पैरों तले
हम कांटे ही अच्छे हैं Julie, हमें वो गुलाब नहीं बनना...
Happy Rose day guy's...🌹
-