संकट में है दुनिया सारी,
रक्षा करो हे गिरधारी,
फिर से अबला हो गई नारी !!!!-
जब भी कहीं कोई ऐसा जुल्म ढाता है
समाज का सिर शर्म से झुक जाता है
आए दिन होते है, स्त्री पर अत्याचार
फिर से इतिहास झुठलाया और दोहराया जाता है।-
काटकर टुकड़े कई, दफ्न कर दो कब्रों में।
ये मीडिया है बिकी हुई, दिखाती नहीं खबरों में।।-
चरित्र का चित्राधार शब्द,
वाक्यों का सृजनहार शब्द,
तलवार सा तेजधार शब्द,
जीवन का सूत्रधार शब्द।-
उन राक्षसों को मैं
पा जाती अपने हाथों
से कई टुकड़ों में उसे काट देती।-
शिक्षा वही प्रभावी है ,
ह्रदय जो पावन करे !
काम क्रोध दम्भ रहित ,
मनुज मन भावन करे !-
I wonder about your shine
More than stars it is
I wonder about your glow
beautiful and divine it is .
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चल रे मन बृज की ओर
जहाँ बसें है नन्द किशोर
चरणों में रखकर के सर
बिनती करूँ मैं हे नटवर
इस जग के अंधियारे में
अब उजाले की बारी है
संकट मे है दुनिया सारी
रक्षा करो हे गिरधारी...-