रूठ जाते हैं जीस्त से कुछ थके हारे लोग !
कामयाबी को बस मंजिल समझते लोग ! !
चंद ठोकर में लुढ़ककर ढ़ेर होने वाले ,
किस्मत का रोना रोते चवन्नी भर के लोग !
जीवन के दर्शन का ककहरा जानते नहीं ,
सुने जाते हैं सदा जो मंच आसीन लोग !
बरबादियों का रोना हर दूसरा है गा रहा ,
खुद से खुशी है बांटें बचे कम हैं चंद लोग !
आतश फिजा है बस आधुनियत की ओर,
जीते हैं जिंदगी तो बस साधारणीय लोग !
सिगरेट के धुंवे से गम को उड़ाते लोग !
होते हैं आसमानी उम्र 40वें पर लोग !!-
हिन्द का रखवाला 🇮🇳
पर कुछ लोग हमें पागल कहते हैं लेकिन भगत सिंह जी ने कहा है -
-... read more
मेरा हर बार रूठना और तुम्हारा हर बार मनाना ,
उफ़्फ़ ! खुदाया ने मेरी किस्मत भी बुलंद लिखी है !— % &-
शिकायती लफ्ज लेकर ये दुनिया घूमती तो है ,
मेंरे जेहन की रुसवाई कहो किसको सुनाऊँ ?-
ख़ुलूस -ए- दिल बनाये रखिये ,
तोहमत लाख उठने दीजिये !
मिज़ाजे आतिशें-फिशां रखकर ,
फ़िजा में राख उड़ने दीजिये !!-
बहुत दिनों बाद इधर पधारें हैं हम, हमको तनिकियो नहीं कुछो बुझा रहा
-
न जाने कैसे उनका दिल टूट जाता है ,
बातों बातों में ही साथ छूट जाता है !
एक हम हैं जिसे सदियां हुईं खफा हुवे ,
मेरा मेहबूब है हर वक्त रूठ जाता है !-
हमें गुमनाम रहने दो
हमसे पहचान ना करो !
जिंदगी मुश्किल है पर
तुम आसान ना करो !
कलंक रहने दो हमपर
इसे सरेआम ना करो !
इश्क की क्लास का
कोई इम्तिहान ना करो !
सांसें छोड़ जाएं रूह
ऐसा इंतेजाम ना करो !-
उनका याद आना कुछ इस तरहा से है ,
हर साँस की लड़ी में ज्यूँ समाए हुवे हों !
-
एक बार उलझी तो उलझ ही जाती है ,
ये जिंदगी है जनाब पटरी कहाँ पाती है !-