........... 8 JUL 2021 AT 19:11 तोफै ले जाने की रीत नेनजदिकियां कम दूरीया ज्यादा बढ़ाई हैं - Prateek Saini 30 MAR 2019 AT 19:50 कहां फकीरों के बच्चों की अमीरी देखी है तुमने साहबअरे वो तो गिनती भी तारों से सीखा करते हैं - Aradhya Singh 26 NOV 2021 AT 23:31 अमीर हो या गरीब मिलना सबको एक दिन मिट्टी में ही हैं।( Rich or poor, they all meet in the soil one day ) - RD Shayar 25 FEB 2020 AT 14:11 ग़रीब होना गुनाह सा लगता है ,,,,के गरीब होना हमें गुनाह सा लगता है ,अपने आगे खाई और पीछे कुआं सा लगता है ,,,,हम कहीं जाएं भी तो जाएं कैसे -पैसों ने रास्ता रोक के जो रखा है । - Urdu_Hindi Poetry 28 SEP 2019 AT 21:33 आज कल रोटियां कम कम खा रहा हूं साहब,मौसम बदल रहे हैं, कुछ गर्म कपड़े लाने हैं !!آج کل روٹیاں کم کم کھا رہا ہوں صاحب.. موسم بدل رہے ہیں,کچھ گرم کپڑے لانے ہیں !! - दीप शिखा 8 SEP 2018 AT 13:32 राह चलते हुए, हर बार दुआ करता था,जान निकली भी तो, बस एक निवाले के लिए । - writer✍️ sajid 20 NOV 2020 AT 20:41 उलझन की नगरी मे लाकर उतार देती हैये मुफ़लिसी जीते जी हमको मार देती है - Rohit Singh Thakur 18 DEC 2018 AT 23:50 मुफ़्त में तो बस मुफ़लिसी आती है।बाक़ी सब तो रईसी ख़रीद ले जाती है। - Shiv 26 FEB 2020 AT 1:30 . - Arun Kumar 18 APR 2020 AT 13:35 फेंक रहे जो तुम खाना क्योंकि आज रोटी थोड़ी सूखी है थोड़ी इज्जत से फेंकना साहेब मेरी बेटी कल से भूखी है -