पाया कम खोया ज़्यादा, देखा उरूज़ और ज़वाल भी
लोग तो सारे बदल ही गए अब बदल गया ये साल भी-
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Sajidali8895
D.O.B_ 05/07/🎂🎂
अल्हमदुलिल्लाह👉 रब क... read more
इंतज़ार में तेरे दर दर भटके बन गए सवाली भी
तेरी राह तकते गुज़री ईद गुज़र गई दिवाली भी
اِنتظار می تیرے در در بھٹکے بن گئے سوالی بھی
تیری راہ تکتے گزری عید گزر گئی دیوالی بھی-
क्या शिकवा करूं बेवफ़ाई का क्या सिला दूं वफादारी का
अब मुझे इनसे फर्क नहीं पड़ता अब बोझ है ज़िम्मेदारी का-
वक़्त का पासा पलटा और तन्हा सवाली रह गए
जवां होते ही परिंदे उड़ गए दरख़्त ख़ाली रह गए-
रहा बेख़ौफ़ सदा मैं तो यारों के बीच में
यानी के दिन गुज़ारे हैं बहारों के बीच में
ज़ेहन में रहा ख़ुमार कुछ ऐसा दोस्ती का
घबराया ना मैं कभी भी ग़द्दारों के बीच में
हयात-ए-सफ़र मेरा बड़ा सुकून से गुज़रा
जैसा क़मर महफूज़ है सितारों के बीच में
अग़्यार मेरे राह-ए-मुंतजिर ही रह गए
उलझा सके ना मुझे ख़सारों के बीच में
यारों से कभी दिल का ना फासला हुआ
लिहाज़ा रहे साथ हम हज़ारों के बीच में
साजिद फ़ोन पर ही अब होती है गुफ़्तगू
मगर होती नहीं है दूरी प्यारों के बीच में-
ये कलम मेरी एक ख़ामोशी है अधूरा हर सवाल मेरा
तुम पूछो साजिद कैसे हो मैं अच्छा बताऊँ हाल मेरा-
तलब हर रोज़ उठती है और बैठ जाती है
दिल में आता है सभी हदों से गुज़र जाऊँ मैं
घुट घुट कर जीना भी तो कोई जिंदगी नहीं
रब साँस की डोर तोड़ दे चैन से मर जाऊँ मैं-
बेरहम है ज़िन्दगी हर रोज़ ख़्वाब दिखाती है
एक मुसीबत जाती नहीं दूसरी आ जाती है-
बेचैन रूह हो जब तो करार कब मिलता है
क़िस्मत में ना हो तब प्यार कब मिलता है
सब्र करके बैठे हैं किसी के इंतेजार में
बताओ सब्र का फल यार कब मिलता है-
हाँ हकीक़त है सबके तरीके मुख्तलिफ हैं
मेरे उसूल से किसी का उसूल नहीं मिला
नहीं दिया किसी को इश्क में फूल हमने
हमको भी किसी से कभी फूल नहीं मिला-