◆ पुनर्जन्म ◆
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सोंचता था,एक बार फिर से पृथ्वी पर आऊंगा,
कुछ काम थे अधूरे ,उनको भी पूरा कर जाऊंगा,
पर देख ऐसा नजारा दिल थम सा गया है,
जहां कल तक हरियाली थी आज बंजर सा हो गया है।
प्रदूषण की मार पड़ी है,जगह जगह बस हिंसा है,
प्रजातंत्र का बना मजाक,संसद में हो रहा जलसा है,
देख इंसान की चीख पुकार,मैं भी दहशत में रहने लगा हूँ,
अरे क्या बताऊँ यार,
अब मैं भी पुनर्जन्म से डरने लगे हूँ।
16 साल की ग्रेटा भी ,
समझती है पर्यावरण को,
खोपड़ी तोड़ दो डोनाल्ड ट्रम्प की
समझ नहीं आ रहा उसको,
हॉन्गकॉन्ग मैं त्राहि त्राहि,ये कैसा अत्याचार है,
मानवाधिकार की बात करे हो,
तो फिर महिलाओं को क्यों कम अधिकार हैं।
देखकर ये कर्मो-कांड ,मैं भी हिल सा गया हूँ,
सच कह रहा हूँ,
अब तो मैं भी पुनर्जन्म से डरने लगे हूँ।
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