तरीके बदलकर हीं सही
लेकिन आज इंसाफ हुआ,
पुलिस के हाथों उन बलात्कारियों का
बंदूक की गोली से बलात्कार हुआ।-
अगर तुम ना होते अन्नदाता के वेश मे
दिल्ली पुलिस तुम्हें सिखा देती
कैसे रहा जाता है देश मे ..।-
लोग कहते थे कि चौराहों पर
कमाई के लिये खड़ी होती है
# पुलिस
सारे चौराहे वीरान पड़े हैं और
पुलिस आज भी वहीं खड़ी है
#सोच बदलो
-
लोगों के साथ बदसलूकी करने से अच्छा
उनके मूल कारण जान लो
जैसे कि एक रोता बच्चा
हमेशा माँ से दूध की माँग करता है-
क्या मानवता के परम प्रेम का, हृदय रक्त भी सूख गया?
टुच्चा सा एक उन्मादी, भगवान पर कैसे थूक गया ?-
दिल जलाते देश का, क्या तुम वही खुद्दार हो
ग़ैर मुल्की दुश्मन हो या फिर देश के गद्दार हो
आँचल माँ का फाड़ डाला कतरा कतरा आपने
अब्बा ने दी ये सीख या फिर ग़ैर मुल्की बाप ने
सोच से आतंकी ही हो, क्या हुआ जो बम नहीं
हाथ में पिस्तौल पत्थर, तुम आतंकी से कम नहीं
अपने ही घर में आग लगाते कहते हो राष्ट्रवादी हैं
निकाल खदेड़ो, गोली मारो ये सब ही उग्रवादी हैं
वीरगति को प्राप्त रतन जी तिरंगे का कफ़न था
उन्हें ऑर्डर मिल जाता, कसम से तू दफ़न था-
एखादा गुन्हेगार त्याचा रस्ता विसरतो,
हिंसाच्या दिशेने वाटचाल तो करतो,
अनेक नियम व कायदे तो मोडतो,
तेव्हा , वर्दीतला देव रस्त्यावरती उतरतो.
अख्खा महाराष्ट्र गणेशोत्सव साजरा करतो,
नवरात्रीत नऊ दिवस तो उपवास धरतो,
रक्षाबंधनाला बहीणींकडे तो जातो,
तेव्हादेखील वर्दीतला देव रस्त्यावर उतरतो.
निर्सगामध्ये वादळाचा प्रकोप वाढतो,
हिवाळयात पाण्याचा बर्फदेखील होतो,
उन्हाळयात सुर्याचा पारा उच्चांक गाठतो,
तेव्हादेखील वर्दीतला देव रस्त्यावर उतरतो.
प्रत्येक गावाच्या चौकात उभा तो राहतो,
काठीवर हात ठेऊन विठ्ठल तो दिसतो,
दिवस ना रात्र सगळीकडे पहारा देतो,
तेव्हा वर्दीतला देव रस्त्यावर उतरतो.
स्वर्गातील देव जमीनीवर प्रस्थान करतो,
मानुसकीचे बीज तो शेतात पेरतो,
जमीनीवर येऊन प्रत्येकाचे रक्षण करतो,
तेव्हा खरा देव खकी वर्दीत उतरतो.-
खाकी खून से सनी हुई और शर है मेरा फटा हुआ,
एक हाथ से खून दबाये माँ लाल है तेरा डटा हुआ।।-