एक आँसू जब उसके गाल पर गिरा,
मैं उसे संभाल कर गिरा,
अपने हाथ से जब पौछा आँसू उसका,
मैं बस उसी अंतराल में गिरा।-
तेरी तस्वीर को काग़ज़ पर उकेरना मुश्किल है,
मेरी ग़ज़ल का तेरे हुस्न पर ठीक बैठना मुश्किल है,
लफ्ज़ कम पड़ जाते है तेरा हुस्न बयां करने में,
एक बूंद में पूरा का पूरा समंदर समेटना मुश्किल है।-
तुमने मेरे मेहबूब को नहीं देखा,
अपने ही वजूद को नहीं देखा,
ये जो चाँद को खूबसूरत कहते हो,
शायद तुमने खुद को नहीं देखा।-
दिल का सुकूँ, दिल का मर्ज़ हो गया,
वो नेक शख़्स इतना खुदगर्ज़ हो गया,
मोहब्बत से लिखा था जो खत कभी,
वो आज रद्दी में पड़ा काग़ज़ हो गया।-
सावन में टेहकते मोर को देखा,
मैंने जब तेरी ओर जो देखा।
एक पल तो लगा मुझे जैसे,
तरसते जुगनू ने भोर को देखा।
आज भी आँखों में है तस्वीर तेरी,
मैंने तुझे इतनी गौर से देखा।
उमडें लाखों ज़ज्बात आँसु बनकर,
चाँद ने जैसे चकोर को देखा।
मैंने तेरी परछाई में जैसे,
दुनिया के दूसरे छोर को देखा।
मैंने तुझे इतनी गौर से देखा,
चाँद ने जैसे चकोर को देखा।-
तु मेरे इशारों को थोड़ा कम समझता हैं,
मेरी मोहब्बत को बस मेरा मन समझता हैं,
तेरी खूबसूरती पर इतनी ग़ज़ल लिखी मैनें,
अब तो तेरा आईना भी मुझे दुश्मन समझता हैं।-
तेरे पाऊँ में जब रमझोल देखा,
एक झलक में पूरा भूगोल देखा,
ये बादल के पीछे है चाँद छुपा या,
ज़ुल्फो से ढका तेरा कपोल देखा।-
कोई चाहे जितनी रकम लेलो,
पर मेरे दिल का एक जख़म लेलो,
मैं इसे थामकर यार थक गया हूँ,
कोई मेरे हाथ से कलम लेलो।-
दूसरों के सपनों का बोझा अपने कंधो पर ढोया बहुत,
मकान की एक एक ईंट को पसीने से संजोया बहुत,
मुस्कुराके चला गया उसी घर से बेटे की खुशी के लिए,
पता नहीं वो पिता बेटी की बिदाई पर क्यूँ रोया बहुत।-