अगर तुम ना हो...तो इधर से न गुज़रे,🚶
ये बात अपनी सारी...सहेलियों से कह दो,👭
तेरे बिना ये दिल...परेशां बहुत है,😖
ना आये यहाँ...यादों की तितलियों से कह दो।😞-
मैं अकसर ही,
ये बचकानी !
हरकत यार,
किया करती हूँ !
जब वो मिलने,
आता है मुझसे !
मैं छिप कर,
आड़ में कहीँ !
उसे परेशान,
किया करती हूँ !!-
वादा करके भी पूरा न किया
इंतजार था कॉफी में उनका , पर वो तो कही और ही व्यस्त थे....
हम बे वजह ही परेशान हो रहे थे, वो तो किसी और से कॉफी में मिलने जाने के लिए तैयार हो रहे थे.....
नासमझ थे हम
समझ ही न पाए उनके इस "सतरंज" के खेल को
खुद को समझ बैठे "रानी" उनकी, पर वो तो अपनी किसी और रानी से मिलने जा रहे थे....
खैर.....!! हम थे माफ़ कर दिया उनको, उनकी इस गलती पर....
पर वो तो खुद को "जज" समझ
हमको सज़ा पे सज़ा सुनाए जा रहे थे.....-
इंसान सिर्फ और सिर्फ दो ही चीज़ों से परेशान हैं।
पहला अपनी गलती से बाकी का अपनी गलतफहमी से।-
अपनी दहलीज से अपनी
खमोशी को भी लाई हूं
कहि उसका ख्वाब न टूट जाये
बिना कुछ कहे लौट आई हूं
धड़कनो से वो बैचैन न हो जाये
अपने दिल को भी ले आई हूं
सासों से वो परेसान न हो जाये
अपनी सासों को रोक आई हूं
मेरे आने से वो परेशान न हो जाये
आहिस्ता से लौट आई हु..!!❤-
Me Middle Class Family Se Hu Sahab.
Flirt Nahi,
Pareshan Karta hu,
Logo ke sath jab mazak karta hu.-
Bewajah Hi Hum Apna Waqt,
Unke Liye Barbaad Karte Hain,
Jo Hume Apna Keh Ke,
Hum Sehi Naraj Rahte Hain...-